इस लेख में आप वैभव लक्ष्मी व्रत का उद्यापन कब करना चाहिए? इस बारें में पढ़ने वाले हैं साथ ही वैभव लक्ष्मी व्रत से क्या फायदे होते हैं इस बारे में भी सम्पूर्ण जानकारी दी गयी है।
वैभव लक्ष्मी व्रत का उद्यापन कब करना चाहिए?
वैभव लक्ष्मी व्रत की शुरुआत किसी भी माह के शुक्लपक्ष के शुक्रवार से करना चाहिए तथा इसे हर शुक्रवार को किया जाता है, तथा अपनी इच्छा के अनुसार आप इस वृत्त को कितने भी शुक्रवार को कर सकते हैं पर ध्यान रखें आपको विषम दिनों के लिए वृत्त करना है जैसे 7, 11, 21 दिन।
ज्ञानग्रंथ का WhatsApp Channel ज्वाइन करिये!पूरी आस्था के साथ इस व्रत को करने से धन सम्पदा की कभी कमी नहीं होती है तथा माता लक्ष्मी की कृपा सदा इस व्रत को करने वाले पर बनी रहती है, इसीलिए अगर कोई व्यक्ति आर्थिक समस्याओं से जूझ रहा है तो उसे वैभव लक्ष्मी व्रत करना चाहिए। इस व्रत को हर शुक्रवार को किया जाता है, तथा अंतिम व्रत के दिन इस व्रत का उद्यापन किया जाता है, यह दिन वह दिन होता है जिस दिन जातक का अंतिम शुक्रवार का व्रत होता है जितने दिन के व्रत का उसमे संकल्प लिया था।
यदि ऐसी स्थित आती है कि व्रत नहीं किया जा सकता तो उस शुक्रवार को व्रत को न करते हुए अगले शुक्रवार को व्रत रख सकते हैं। इस व्रत को कोई भी कर सकता हैं चाहे महिला हो या पुरुष हर किसी को यह व्रत करने की अनुमति है।
इस व्रत के दिन वैभव लक्ष्मी की पूजा तथा कथा का पाठ किया जाता है, उद्यापन के दिन भी ऐसा ही करें तथा उद्यापन के दिन विशेष कर कुंवारी सात या नौ कन्याओं को खीर पूरी खिलाएं। उद्यापन के दिन लाल या सफेद कपड़े पहनना शुभ माना गया।
व्रत के दिन सुबह जल्दी उठ कर स्नान करें तथा पूजन की तैयारी करें, अगर पति पत्नी दोनों इस व्रत को करते हैं तो इसका अधिक और शीघ्र लाभ मिलता है इसीलिए यदि आप शादीशुदा है तो आपको साथ में ही व्रत करना चाहिए।
वैभव लक्ष्मी व्रत से क्या फायदे होते हैं?
- आर्थिक समस्याएँ खत्म होती है।
- मनोकामनाएँ पूर्ण होती है।
- देवी देवताओ की कृपा बनी रहती है।
- पुन्य की प्राप्ति होती है।
- पारिवारिक समस्याओं का भी अंत हो जाता है।
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