इस लेख में आप जानेंगे कि विकास का अर्थ क्या है?
विकास का अर्थ क्या है?
जैसा की हम जानते हैं कि आज हमारे पास जीवन को आसानी से व्यतीत करने के लिए कई सुविधाएँ है इसे ही आम भाषा में विकास कह सकते हैं। समय के साथ साथ मानव अपनी आवश्यकताओ की पूर्ति के लिए अविष्कार करता है नयी नयी खोज करता है और नियम कानून निर्मित करता है यही विकास कहलाता है।
विकास केवल अविष्कार को ही कहना उचित नही है हर क्षेत्र का विकास सम्भव है जैसे शिक्षा, चिकित्सा, विज्ञान, संस्कृति, आदि। विकास शब्द यह दर्शाता है कि किसी भी वस्तु या स्थान को पुरानी स्थिति की तुलना में और अधिक उपयोगी, समर्द्ध या आसान बनाना।
किसी भी देश का विकास वहा की गतिविधियों पर निर्भर होता है, अगर देश की सरकारे लोगो तक उनकी आवश्यक चीजे और सेवाएँ पहुचाने में असफल है तो यह देश विकसित नही हो सकता है। कर्मबद्ध तरीको से समाज में लाये गये विकास के द्वारा एक एतिहासिक परिवर्तन देखने को मिल सकता है। विकास में सामाजिक संस्थानों की संख्या में वृद्धि होती है, परिपक्वता से संबंधित परिवर्तन ही विकास है, अगर परिपक्वता में अत्यधिक कमी है तो विकास का होना कठिन है क्योकि परिपक्वता और विकास एक दुसरे के समानुपाती है। जिस प्रकार किसी शहर में लोगो के पास आर्थिक शक्ति नही है तो वह कुछ भी खरीदने में परिपक्वता नही रख सकते हैं।
विकास केवल किसी देश, शहर या विज्ञान के क्षेत्र तक ही सीमित नही है यह निम्न से लेकर उच्च क्षेत्र में अपना प्रभाव रखता है। किसी एक व्यक्ति का विकास भी होता है और सामूहिक रूप से पुरे समाज का विकास भी होता है। एकल व्यक्ति के विकास का अर्थ है उसके चरित्र और शारीरिक तथा मानसिक रूप के विकास से। शारीरिक विकास शरीर के अंग के स्वस्थ तथा शक्तिशाली होने से है और मानसिक विकास मस्तिष्क के शक्तिशाली होने से है। एक समाज का विकास उस में रह रहे हर व्यक्ति की शारीरिक तथा मानसिक क्षमताओ पर निर्भर है तथा एक उचित सरकार को चुनना हमेशा से ही विकास का प्रमुख स्तम्भ माना गया है क्योकि सरकार के पास सबसे अधिक शक्तिया होती है जिनका उपयोग कर वे विकास कर सकती है लोगो को उनकीआवश्यकताओ के अलावा हर वो सुविधाए पंहुचाने के प्रबंध कर सकती है जो उनके जीवन को सरल तथा सुखद बनाने में सहयोगी है।
विकास का मात्रक
विकास को किसी भी प्रकार के मात्रक से मापा नही जा सकता है क्योकि यह निरंतर बढ़ने वाली क्रिया है इसे बस कुछ आकड़ो द्वारा समझा जा सकता है जैसे देश की GDP से, साक्षरता से, आवश्यक वस्तुओ की आपूति से, चिकित्सा के क्षेत्रो की स्थित से आदि। आज के समय में पूर्ण रूप से कोई भी विकसित नही है और नाही आगे भविष्य में पूर्ण रूप से कोई विकसित हो सकेगा क्योकि विकास की प्रक्रिया का अंत शायद ही हो आज विकसित दिखने वाले क्षेत्रो में भी कुछ कमी है और आने वाले समय में अगर को कमी दूर भी हो जाती है तो समय के साथ कुछ और नई कमिया आ जाएंगी।
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