इस धारा के तहत जम्मू कश्मीर को दूसरे राज्यों के मुकाबले विशेष दर्जा दिया गया था। इसी विशेष दर्ज़े के कारण जम्मू-कश्मीर राज्य पर संविधान की धारा 356 लागू नहीं होती।
राष्ट्रपति के पास राज्य के संविधान को बर्ख़ास्त करने का अधिकार नहीं था 1976 का शहरी भूमि क़ानून जम्मू-कश्मीर पर लागू नहीं होता था ।
इसके तहत भारतीय नागरिक को विशेष अधिकार प्राप्त राज्यों के अलावा भारत में कहीं भी भूमि खरीदने का अधिकार था . यानी भारत के दूसरे राज्यों के लोग जम्मू-कश्मीर में जमीन नहीं खरीद सकते थे।
भारत के उच्चतम न्यायालय के आदेश जम्मू-कश्मीर के अन्दर मान्य नहीं होते थे ।
जम्मू-कश्मीर की कोई महिला अगर भारत के किसी अन्य राज्य के व्यक्ति से विवाह कर ले तो उस महिला की नागरिकता समाप्त हो जाएगी। इसके विपरीत अगर वह पकिस्तान के किसी व्यक्ति से विवाह कर ले तो उसे भी जम्मू-कश्मीर की नागरिकता मिल जाएगी।
27 अक्टूबर 1949 को धारा 370 जम्मू कश्मीरमें लागू की गयी थी। इस समय पाकिस्तान ने कबायलियों के साथ मिल कर कश्मीर पर हमला कर दिया था और आधा कश्मीर अपने कब्जे में ले लिया था तभी यहां के राजा हरी सिंह ने भारत से मदद मांगी।
भारत ने मदद के बदले एक शर्त रखी कश्मीर का भारत में विलय। महाराजा ने शर्त तो मानी पर उसके बदले में कश्मीर को विशेष दर्जा देने की बात कही इसी वजह से कश्मीर में धारा 370 लागु की गयी थी।