बच्चों को चिडचिडा बना सकती है हर बार आपकी ना कहने की आदत

बच्चों को हर बार ना कहना आपके रिश्तो पर प्रभाव डालता है। बच्चों को आपके ना के पीछे का कारण पता होना चाहियें। वरना वह आपके खिलाफ ही हो सकते है जिसका बुरा प्रभाव पड़ता है।

बच्चों को ना कहने के कई कारण होते हैं पर आपको उनसे बात करना चाहियें तथा उनके दृष्टिकोण को भी समझना चाहिए हो सकता आप वेवजह ही ना कह रहे हो।

बच्चें हर बार गलत नही होते हैं उन्हें समझना जरुरी है, ये बात सही है कि उनके पास आपके कम अनुभव है पर उनकी भावनाओं को समझना बेहद जरुरी है।

अगर आप बच्चो को बिठा कर उनसे बात करेंगे तो वह आपके ना कहने का कारण समझ सकते है पर गुस्से में आपके द्वारा ना कहना उन्हें भावनात्मक चोट पहुचा सकता है।

अगर आप बच्चों से बात करने या उन्हें समझाने में असमर्थ रहते है तो अपने मित्रों या ऑनलाइन संसाधनो की मदद ले सकते हैं।

उन्हें समझतें समय मज़ाक तथा आसान तरीकों का उपयोग करें ताकि वे आपकी बात को सुनने में भी रूचि रखें। हो सकता है वो आपकी बात को मानने से बिलकुल ही मना कर दें पर आपका अपना आपा नही खोना है।

किशोर अवस्था में बच्चें ज्यादा जिद करते हैं क्योकि उनमे हार्मोनल चेंजेस आते है जिस कारण वे ज्यादा ऊर्जावान महसूस करते हैं और अपनी इच्छाओ को पूरा करने के लिए पूरी कोशिशे करते हैं।

आपको बार बार ना कहने की आदत से बच्चे परेशान हो सकते है और वे आपसे बहुत से बातें छुपाने लगते है अनावश्यक उन्हें ना नही कहना चाहिए।

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