एक वक़्त था जब एक उम्र के बाद ही लोगों में हार्ट अटैक जैसी शिकायत देखने को मिलती थी। अब बच्चों में भी यह समस्या नज़र आने लगी है।
मोबाइल, टीवी की लत, पढ़ाई व घरेलु झगड़ों के कारण हुए स्ट्रेस की वजह से बच्चों की मानसिक स्थिति पर बुरा प्रभाव पढता है साथ ही यह हार्ट अटैक का कारण बन सकता है।
शारीरिक सक्रियता की कमी भी कई रोगों का कारण बन जाती है।
बच्चों में बड़ा हुआ बॉडी मास इंडेक्स भी हार्ट अटैक का खतरा उत्पन्न कर सकता है।
बिगड़ी दिनचर्या व खान पान पर ध्यान न देना भी हृदय रोग का एक मुख्य कारण बन सकता है।
माता पिता को चाहिए कि वे अपने बच्चे पर ध्यान दें और उसे सक्रीय व स्वस्थ बनाये रखने में अपना योगदान दें।
- बच्चों को स्ट्रेस से दूर रखें। - शारीरिक रूप से सक्रिय बनाएं। - संतुलित आहार खाने में दें। - बच्चों का बॉडी मास इंडेक्स सही रखें। - दिनचर्या में सुधार करें। - कम से कम 8 घंटे की नींद लेने दें।