क्या है आर्थिक मंदी, कब आती है? कैसे करे इसका मुकाबला?

लंबे समय तक जब देश की अर्थव्यवस्था धीमी और सुस्त पड़ी रहे, तब उस स्थिति को देश की आर्थिक मंदी कहते है।

देश में आर्थिक मंडी आने की बार कही जा रही है पर केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण इस बात को पूरी तरह से नकार चुकी है।

कब आती है मंदी?

देश में ऐसी आ जाए जब  अर्थव्यवस्था में लगातार दो तिमाहियों में जीडीपी ग्रोथ घट जाए मतलब अर्थव्यवस्था गिरने लगे तब आर्थिक मंदी आती एवं  लोगों की आमदनी कम होने लगती है।  

महंगाई और मंदी का सम्बन्ध

मंदी और महंगाई में सम्बन्ध यह है कि जब मंदी और महंगाई के दोर में केंद्रीय बैंक अपने ब्याज़ दरों में वृद्धि कर देते है जिससे की आर्थिक गतिविधियों पर रुकावट सी लग जाती है।  

मंदी से बचने के लिए अर्थव्यवस्था में निवेश बढ़ाने की आवश्यकता होती है जिससे की लोगो की परचेज़िंग पावर बढती है और मंदी कम हो जाती है। साथ ही सप्लाई चैन भी सही से काम करती है। 

सरकार को रोजगार के अवसर बढ़ाने की जरुरत होती है, बेरोजगारी से भी मंदी बढती है। 

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