आइये जानतें माइग्रेन कितने प्रकार के होते हैं?

माइग्रेन क्या है?

माइग्रेन एक ऐसी बिमारी है जिसमे सर में दर्द होता है कभी कभी यह दर्द इतना तीव्र होता है कि यह सहन भी नही होता है और पीड़ित बहुत परेशान हो जाता है ।

माइग्रेन की बीमारी अधिकांश युवाओ में होती है ।इसमें मरीज प्रकाश के प्रति संवेदनशील हो जाता है और अँधेरे में जाना पसंद करता है ।  यह लोगो को सप्ताह में एक बार या उससे ज्यादा भी हो सकता है।

माइग्रेन यदि ज्यादा होने लगे तो डॉक्टर की राय लेना जरुरी है यदि कुछ समय तक इसका उपचार टाला जाए तो इसका उपचार कठिन होता जाता है।

माइग्रेन के कारण

मस्तिष्क में रसायन का बदलाव   हार्मोनल परिवर्तन तनाव, अवसाद, चिंता शराब, कैफीन, चॉकलेट, पनीर, खट्टे फल का सेवन 

माइग्रेन के मुख्य प्रकार

दृष्टि संबंधी माइग्रेन

इस माइग्रेन को क्लासिकल माइग्रेन के नाम से भी जाना जाता है । इसमें आँखों की रोशनी में काले धब्बे की समस्या आती है ।

दृष्टि रहित माइग्रेन इस माइग्रेन में तेज सर दर्द के साथ मितली या उलटी आना और मूड स्विंग होना शामिल है ।

क्राॅनिक माइग्रेन क्रोनिक माइग्रेन को मिश्रित सिर दर्द के नाम से भी जाना जाता है। इसमें हर 15 दिन में सर में तेज दर्द होता है ।

ऑप्टिकल माइग्रेन इस माइग्रेन में आखों के खराब होने की सम्भावना बनी रहती है । इसका इलाज तुरंत करवाना चाहिए वरना बड़ी समस्या आ सकती है ।

एब्डोमिनल माइग्रेन यह आंत और पेट से जुड़ा हुआ है इसमें अपच और पेट दर्द होता है ।

हेमिप्लेजिक इसमें शरीर के तरफ अस्थाई कमजोरी आ जाती है । यह बोलने की क्षमता पर प्रभाव डालता है और बोलने में समस्या पैदा करता है ।

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