Chanakya Niti: इन 4 वजहों से व्यक्ति को होना पड़ता है हर जगह अपमानित

आचार्य चाणक्य के अनुसार अपमान जहर के समान है, अपमानित इंसान जीवन में कभी सुख नही पा सकता है। इंसान को सम्मान उसकी योग्यताओ तथा सुकर्मो के अनुसार मिलता है तो आइये जानते है कि किन कारणों की वजह इंसान को अपमान झेलना पड़ता है।

चाणक्य के श्लोक कष्टं च खलु मूर्खत्वं कष्टं च खलु यौवनम्, कष्टात् कष्टतरं चैव परगेहे निवासनम्. में यह बताया गया है किन कारणों की वजह से व्यक्ति अपमनित होना पड़ता है। आइये जानते है इस श्लोक का हिंदी अनुवाद।

अज्ञानता

अज्ञानता की वजह से व्यक्ति को कई जगह अपमानित होना पड़ सकता है, सबसे बड़ा दुखी व्यक्ति मूर्ख या अज्ञानी होता है उसे अपनी अज्ञानता की वजह से अपमानि होना पड़ता है।

आश्रित होना

एक अज्ञानी से ज्यादा दुखी वह है जो किसी पर आश्रित होता है उसका जीवन में एक दास की तरह होता है वह कभी भी सम्मान का हकदार नही होता है और न ही अपनी इच्छा से कार्य कर पाता है।

अनियंत्रित जवानी

युवा अवस्था में सबसे ज्यादा जोश तथा शक्ति होती है अगर हम जवानी में खुद पर नियन्त्रण नही रखते हैं तो इसका यह परिणाम होता है कि हम अपने जीवन को बर्बाद कर लेते हैं और अपमानित होते हैं।

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