चाणक्य नीति की यह 10 बातें आपको सफल बना देगी

चाणक्य की इन 10 बातों को जीवन में अपनाने वाला कभी नहीं होता विफल

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By Shubham Jadhav

चाणक्य एक ऐसे विद्वान थे, जिन्हें उनकी तीक्ष्ण बुद्धि के कारण आज भी जाना जाता है। उनकी बुद्धिमत्ता की कई कहानियां आज भी मौजूद हैं और उनकी दी हुई नीतियां उस समय तो काफी सटीक थी परन्तु आज के समय में भी प्रासंगिक है। कह सकते हैं कि उनकी कई वर्ष पहले लिखी हुई बातें आज भी सार्थक सिद्ध होती हैं।

चाणक्य को राजनीती से लेकर समाज तक हर वर्ग में काफी अनुभव था जिसके आधार पर वे नीतियां साझा करते रहते थे। साथ ही वे जीवन, मित्र, जीवन साथी, शत्रु, पड़ोसी, धन, माता-पिता आदि पर आधारित नीतियां बता चुके हैं जिन्हें आज भी प्रयोग में लाया जा सकता है और जीवन को सरल तथा सुखद बनाया जा सकता है। लेकिन इतनी सारी नीतियां पढ़ने की जगह आप केवल ये चाणक्य नीति की ये 10 बातें भी पढ़ लें तो भी आप अपने जीवन को सफल बना सकते हैं।

चाणक्य नीति की 10 बातें

1. क्रोध पर संयम रखे

क्रोध पर चाणक्य नीति

क्रोध करना जीवन को नकारात्मक बनाता है। क्रोध करने से आपके काम बिगड़ जाते है साथ ही अपनों से सबंध भी खराब हो सकते हैं। यदि आपको अत्यधिक क्रोध आता है तो आप संकट में भी पड़ सकते हैं, साथ ही आपका किसी के साथ भी अनावश्यक विवाद हो सकता है जो दुःख का कारण बन सकता है। क्रोध करने से शरीर पर भी बुरा असर पड़ता है। क्रोध आने के बहुत से कारण हो सकते हैं पर मुख्य रूप से क्रोध का कारण यह होता है कि जब आपके मन के विरुद्ध कोई कार्य होता है तो क्रोध आता है। कभी-कभी कोई व्यक्ति बिना वजह आपको परेशान करता है या आपके कार्य में बाधा डालता है तब क्रोध आता है। ऐसी ही परिस्थितियों में हमे क्रोध पर संयम रखना चाहिए और शांत मन से निर्णय लेना चाहिए।

2. अनुशासन में रहें

अनुशासन पर चाणक्य के शब्द

चाणक्य का कहना है कि अनुशासन जीवन को सरल और सफल बनाता है यदि आपके जीवन में अनुशासन नाम की कोई चीज नहीं है तो आप कभी सफल नहीं हो सकेंगे। अनुशासन इसलिए जरुरी है क्योंकि जब आप अनुशासन में रहते हैं तो आपकी एक अलग ही छवि निखर कर आती है जो लोगो को काफी प्रभावित करती है साथ ही समय के महत्व को समझने में अनुशासन का हाथ होता है। जीवन को अनुशासन के साथ व्यतीत करने में कभी भी कठिनाई नहीं होती है आपको केवल अपने मन को शांत रखना है और किसी भी परिस्थिति में इस संकल्प को नहीं भूलना है कि हमें अनुशासन का पालन करना है।

3. आलस है सफलता का दुश्मन

आलस्य पर चाणक्य नीति

आलस आपके जीवन को बर्बाद कर सकता है, यदि आप समय पर अपने कार्य पूर्ण नहीं करेंगे तो आप समस्याओं से घिर जाएंगे। आलस को त्यागना बहुत जरूरी होता है वरना आपके साथी ही आपका साथ छोड़ देंगे। आलस करने से शरीर भी नष्ट होता है और समय भी! एक बार यदि समय गुज़र जाता है तो पुनः नहीं आता है। इसीलिए आलस करे बिना अपने कार्य को समय से पूर्ण करना चाहिए।

4. धोखा नहीं देना चाहिए

धोखा देने के बारे में चाणक्य नीति

यदि आप किसी को धोखा देते हैं तो आपकी छवि एक खराब होती है जिस पर कोई विश्वास नहीं करता है, इससे आपके व्यापार से लेकर निजी जीवन पर भी प्रभाव पड़ता है। सफल बनने के लिए लोगो का विश्वास जीतना जरुरी होता है।

5. अहंकार

अहंकार और चाणक्य नीति

अहंकार जीवन को एक गहरी खाई में धकेल देता है जहां केवल अंधेरा होता है। अर्थात यदि आप अहंकार करते हैं तो आपके साथ कोई रहना पसंद नहीं करेगा आप अकेला महसूस करने लगेंगे। जैसा कि हम जानते हैं कि रावण को अपनी शक्तियों का अहंकार था जिस वजह से उसका अंत हो गया। चाहे धन हो, बुद्धि हो, या समाज में नाम हो अहंकार करने से ये सभी नष्ट हो जाते हैं या इनकी कोई अहमियत नहीं रहती है।

6. कभी लोभ न करें

लालच कभी न करें

लोभ या लालच जीवन में असंतुलन पैदा करता है जिससे कि आप हमेशा परेशान रहने लगते हैं। कभी भी लोभ नहीं करना जितना मिल रहा है उसमे संतुष्ट रहना चाहिए। ऐसा नहीं है आपको आगे बढ़ने की चाह छोड़ कर स्थिरता को अपना लेना चाहिए लोभ ना करने का अर्थ है कि अगर चीज़ें परिपूर्ण हैं तो उनकी और इच्छा करना व्यर्थ है।

7. शिक्षा

शिक्षा पर आचार्य के शब्द

शिक्षा का होना जरुरी है इससे आप बुद्धिमान बनते हैं और विषम/अविषम परिस्थितियों में निर्णय लेने में सक्षम होते हैं। अगर आप शिक्षित हैं तो आपको समस्याओ से निकलने में आसानी होती है साथ ही समाज में सम्मान भी प्राप्त होता है। शिक्षा को बड़ा महत्व देना चाहिए इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि अपने घर के साथ-साथ समाज भी शिक्षित बने।

8. दूसरों की गलतियों से सीखें

सीख ल्यो जरुरी है

चाणक्य कहते हैं कि हमें दुसरो की गलतियों से सीखना चाहिए ताकि हम वो गलती ना करें और उससे होने वाले नुकसान से बच सकें। इस संसार में बहुत से लोग हैं जो दूसरे लोगों की गलतियों से होने वाले नुकसान को नज़रअंदाज़ कर देते हैं पर हमे ऐसा बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए।

9. अच्छी संगति चुनें

संगत पर चाणक्य ने क्या कहा है

आपके मित्र अच्छे और उच्च विचारों वाले होने चाहिए क्योंकि दोस्तों की आदतों और अनुभवों का असर हमारे जीवन पर भी पड़ता है। दोस्त हम चुनते हैं इसलिए शुरुआत में ही दोस्त को परख लेना चाहिए यदि आपके दोस्त गलत गतिविधियों में रूचि रखते हो तो उन्हें तुरंत छोड़ देना चाहिए। मित्र हमेशा सोच समझ कर बनाना चाहिए।

10. अपनी क्षमता का सही आंकलन

क्षमता पर चाणक्य की बातें

अपनी क्षमता का सही आंकलन करें तभी आप सफलता को प्राप्त कर पाएंगे। अपनी कमियों और खूबियों की जानकारी सबसे पहले स्वयं हमें होनी चाहिए। ऐसा करने से लक्ष्य को प्राप्त करने में आसानी होती है। इस संसार में हर किसी की अलग-अलग क्षमता होती है। उसी के आधार पर हम जीवन में आगे बढ़ते हैं और अपने लक्ष्यों को प्राप्त करते हैं। अपनी क्षमता का आकलन करने से आपको यह ज्ञात होता है कि आपको कहां-कहां सुधार करने की आवश्यकता है।

उम्मीद है आप चाणक्य नीति की इन 10 बातों को अपने जीवन में आत्मसात करेंगे। चाणक्य नीति की यह 10 बातें आपको जीवन सफल बना देगी।

FAQs

कैसे लोगों से दूर रहना चाहिए?

चाणक्य नीति के अनुसार ऐसे लोगों से दूर रहना चाहिए जो गलत काम करते हों, दूसरों का अपमान करते हों एवं बेशर्म हों।

चाणक्य को राजा क्यों नहीं बने?

चाणक्य में कभी कपट या लालच नहीं था। वे केवल अपने पिता का बदला लेना चाहते थे और चन्द्रगुप्त मौर्य के रूप में एक कुशल शासक वह पहले ही मगध के लिए खोज चुके थे।

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