नमस्कार दोस्तों आज हम जानेगे कि आवारा मसीहा किस विधा की रचना है आवारा मसीहा पुस्तक के लेखक विष्णु प्रभाकर हैं। आवारा मसीहा एक प्रसिद्ध और लोकप्रिय पुस्तक है जो प्रसिद्ध बांग्ला लेखक शरतचंद्र चट्टोपाध्याय की जीवनी पर आधारित है जो बांग्ला के बहुत प्रसिद्ध उपन्यासकार हैं यह अपनी कृतियों में गांव के लोगो की जीवनशैली और संघर्षो वर्णन करते थे।
विष्णु प्रभाकर आवारा मसीहा के रचियता मुज्जफर नगर ( उत्तरप्रदेश ) के रहने वाले थे। जिन्होने कई लघु कथाएँ, नाटक उपन्यास तथा यात्रा संस्मरण लिखे हैं। आवारा मसीहा पुस्तक में जीवन, संस्मरण, रेखाचित्र, कहानी, नाटक, यात्रा और भी बहुत कुछ वर्णित है जो इसे एक लुभावनी पुस्तक बनता है। इस पुस्तक का प्रथम संस्करण मार्च 1974 में प्रकाशित हुआ था। इस पुस्तक के लिए उन्हें कई विदेशी पुरस्कार मिले थे जैसे की ‘पाब्लो नेरूदा सम्मान’ और ‘सोवियत लैंड नेहरू पुरस्कार’।
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गद्य के माध्यम से ही हम अपने दैनिक जीवन में कार्यों को सम्पन्न करते हैं। निजी जीवन में डायरी, पत्र आदि साहित्य में निबन्ध, नाटक, जीवनी, कहानी, उपन्यास आदि लेखन का माध्यम गद्य ही होता है। गद्य की अनेक विधायें होती है जैसे की जीवनी, आत्मकथा, यात्रावृत, गद्य काव्य, संस्मरण, रेखाचित्र, रिपोर्ताज, डायरी, भेंटवार्ता, पत्र साहित्य, आदि। विष्णु प्रभाकर की ‘आवारा मसीहा’ नि:संदेह जीवनी विधा है जो अब तक का सर्वाधिक महत्वपूर्ण गौरव-ग्रंथ है।
FAQs
जब किसी व्यक्ति के जीवन में कोई दिशा नहीं होती तब उसे आवारा कहा जाता है। लेकिन जब किसी आवारा व्यक्ति को दिशा मिल जाये और वो जनहित में कार्य करे तो उसे आवारा मसीहा कह सकते हैं।
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