चाणक्य नीतियों में यह दर्शाया गया है की जीवन कैसे व्यतीत करे, क्या करना चाहिए क्या नहीं आदि।
धनिक: श्रोत्रियो राजा नदी वैद्यस्तु पंचम:। पंच यत्र न विद्यन्ते तत्र दिवसं न वसेत्।।