Chanakya Niti : इस तरह की स्त्री और पुरूषों पर भूल कर भी ना रखे दया-भाव
Chanakya Niti : इस तरह की स्त्री और पुरूषों पर भूल कर भी ना रखे दया-भाव
चाणक्य ने नीति शास्त्र में सिर्फ राजनीतिक कूटनीति को ही नही समझती है यह आम जिंदगी में काम आने वाली बुनियादी बातों के बारे में भी दर्शाती है. चाणक्य कहते हैं कि जीवन में कभी इन तीन लोगों की मदद नहीं करनी चाहिए।
चाणक्य ने नीति शास्त्र में सिर्फ राजनीतिक कूटनीति को ही नही समझती है यह आम जिंदगी में काम आने वाली बुनियादी बातों के बारे में भी दर्शाती है. चाणक्य कहते हैं कि जीवन में कभी इन तीन लोगों की मदद नहीं करनी चाहिए।
चाणक्य ने हर परिस्थिति के लिए नीतियां बताई है उसी प्रकार आचार्य चाणक्य ने यह बताया है कि हमे किस प्रकार के लोगो पर बिलकुल भी दया नही करनी चाहिए। वरना ऐसा करने पर आपका ही नुकसान हो सकता है।
चाणक्य ने हर परिस्थिति के लिए नीतियां बताई है उसी प्रकार आचार्य चाणक्य ने यह बताया है कि हमे किस प्रकार के लोगो पर बिलकुल भी दया नही करनी चाहिए। वरना ऐसा करने पर आपका ही नुकसान हो सकता है।
दुष्य और चरित्रहीन स्त्री
दुष्य और चरित्रहीन स्त्री
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि दुष्ट स्वभाव की स्त्री, चरित्रहीन महिला और दूसरों का अपमान करने वाली महिला की मदद करना आपका ही नुकसान कर सकती है इनकी कभी भी मदद नहीं करनी चाहिए।
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि दुष्ट स्वभाव की स्त्री, चरित्रहीन महिला और दूसरों का अपमान करने वाली महिला की मदद करना आपका ही नुकसान कर सकती है इनकी कभी भी मदद नहीं करनी चाहिए।
मूर्ख
मूर्ख
चाणक्य के अनुसार किसी भी मुर्ख को ज्ञान देना या उपदेश देना आपके ही समय को नष्ट करता है। ऐसा करने से वो आपका दुश्मन भी बन सकता है और आपको मानसिक प्रताड़ना भी दे सकता है।
चाणक्य के अनुसार किसी भी मुर्ख को ज्ञान देना या उपदेश देना आपके ही समय को नष्ट करता है। ऐसा करने से वो आपका दुश्मन भी बन सकता है और आपको मानसिक प्रताड़ना भी दे सकता है।
दुखी रहने वाला
दुखी रहने वाला
आचार्य चाणक्य के अनुसार जो इंसान हमेशा दुखी रहता है और जीवन का आनन्द नही लेता है और हमेशा नकारात्मक बातें ही करता है उससे दूर ही रहना चाहिए। जो लोग हमेशा रोते रहते हैं. इनका रोना दूसरे शख्स को भी परेशान करता है. हमेशा विलाप करने वाले लोग दूसरों की खुशी से ईर्ष्या भी करते हैं तथा ये लोग मन ही मन उनके लिए बुरा भाव भी रखते हैं।
आचार्य चाणक्य के अनुसार जो इंसान हमेशा दुखी रहता है और जीवन का आनन्द नही लेता है और हमेशा नकारात्मक बातें ही करता है उससे दूर ही रहना चाहिए। जो लोग हमेशा रोते रहते हैं. इनका रोना दूसरे शख्स को भी परेशान करता है. हमेशा विलाप करने वाले लोग दूसरों की खुशी से ईर्ष्या भी करते हैं तथा ये लोग मन ही मन उनके लिए बुरा भाव भी रखते हैं।
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