चाणक्य के कड़वे वचन - Chankya Ke Kadave Vachan

कुबेर भी अगर आय से ज्यादा व्यय करे, तो कंगाल हो जाता है। 

जो व्यक्ति शक्ति न होने पर भी मन में हार नहीं मानता उसे संसार की कोई भी ताकत परास्त नहीं कर सकती।

अपने रहस्यों को किसी से भी उजागर मत करो। यह आदत आपके स्वयं के लिए ही घातक सिद्ध होगी।

हर मित्रता के पीछे कोई स्वार्थ जरूर होता है – यह कड़वा सच है।

संसार में न कोई तुम्हारा मित्र है न शत्रु, तुम्हारा अपना विचार ही, इसके लिए उत्तरदायी है।

सांप के फन, मक्खी के मुख में और बिच्छु के डंक में ज़हर होता है; पर दुष्ट व्यक्ति तो इससे भरा होता है।

समय का कोई मूल्य नहीं है, इससे लाभ उठाने वाले ही आगे बढ़ते है।

अपने रहस्यों को किसी से भी उजागर मत करो। यह आदत आपके स्वयं के लिए ही घातक सिद्ध होगी।

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