चाणक्य नीति : जुआरी से सिखलो तरक्की और सुखी जीवन के गुण

चाणक्य के अनुसार आप जुआरी, स्त्री और पंडित से बहुत से ऐसे गुण सिख सकते हैं जो आपको जीवन में सफल बनने में मदद कर सकते हैं। तो आइये जानते है उन गुणों के बारे में चाणक्य के इस श्लोक के माध्यम से।

विनयं राजपुत्रेभ्यः पण्डितेभ्यः सुभाषितम्। अनृतं द्यूतकारेभ्यः स्त्रीभ्यः शिक्षेत् कैतवम्।।

"

जुआरी से सीखे यह गुण

हम जुआरीयो से यह सीख सकते हैं कि हमे किस समय पर झूठ बोलना है, पर उस झूठ से हमे किसी का नुकसान नही करना है। पर समय के अनुसार झूठ बोलना है।

स्त्रियों से सिख सकते हैं यह गुण

स्त्रियों को भावनात्मक रूप से छल कपट करना आता हैं इसीलिए हम स्त्रियों से यह गुण सिख सकते है कि हमे किस प्रकार से भावनात्मक छल कपट करना है।

पंडितो से सीखे यह गुण

पंडितो में यह गुण होता है कि वो जानते हैं कि कब बोलना है तथा कब चुप रहना है और किस पर उनका गुस्सा व्यर्थ नही जाता है, यह जीवन में आगे बढ़ने का एक अच्छा गुण है।

ऐसी ही और चाणक्य नीतियों को पढ़ने के लिए Swipe up करें