चाणक्य नीति : मरने से पहले यह कार्य अवश्य कर लें
चाणक्य के अनुसार आपको कुछ कार्य मरने से पहले जरुर कर लेना चाहिए। इस सन्दर्भ में उन्होंने एक श्लोक भी दिया है।
यावत्स्वस्थो ह्मयं देहो पावन्मृत्युक्ष दूरत:। तावदात्महितं कुर्यात प्राणान्ते किं करिष्यति ।।
इस श्लोक का हिंदी अनुवाद है जब आपका शरीर स्वस्थ है,
और यह शरीर आपके नियंत्रण में है उसी समय आत्मसाक्षात्कार का उपाय कर लेना चाहिए।
क्योंकि मृत्यु हो जाने के बाद कोई कुछ नहीं कर सकता है।
चाणक्य की नीतिया जीवन को सफल बनाने में बहुत मदद करती है।
चाणक्य ने हर विषय में अपमी नीतिया साझा की चाणक्य एक दूर दर्शिय थे।
उनके पास राजनीती से ले कर निजी जीवन तक सभी प्रकार का अनुभव था।
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