चाणक्य नीति : स्त्री का चरित्र कैसा होना चाहिए

स्त्री धर्म का पालन करने वाली होनी चाहिए

 चाणक्य के अनुसार स्त्री धर्म का पालन  करने वाली होनी चाहिए. स्त्री भगवान और धर्म के प्रति श्रद्धा और विश्वास रखने वाली होनी चाहिए. जो स्त्री भगवान की पूजा-करती हैं. वह स्त्री अच्छे और बुरे को परखने में भी सक्षम मानी जाती  हैं.

स्त्री में दया और विनम्रता होनी चाहिए

दया और विनम्रता रखने वाली स्त्री को हर जगह सम्मान मिलता है  और जो स्त्री गुस्से वाली होती है.. ऐसी स्त्री खुद का नुकसान तो करती ही है. साथ में अपने परिवार वालो का भी नुकसान करती हैं.

स्त्री मधुर वाणी वाली होनी चाहिए

जो स्त्री मधुर वाणी से बोलती हैं. ऐसी स्त्रियों को भी समाज में मान-सम्मान मिलता हैं. इसलिए स्त्री को कभी भी किसी को कड़वे शब्द नहीं कहने चाहिए।

स्त्री साहसी होनी चाहिए

स्त्री को साहसी होना चाहिए . स्त्री का कैसा भी समय आ जाए उसमें समय के साथ लड़ने का साहस होना चाहिए।

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