चाणक्य के अनुसार स्त्री धर्म का पालन करने वाली होनी चाहिए. स्त्री भगवान और धर्म के प्रति श्रद्धा और विश्वास रखने वाली होनी चाहिए. जो स्त्री भगवान की पूजा-करती हैं. वह स्त्री अच्छे और बुरे को परखने में भी सक्षम मानी जाती हैं.
स्त्री में दया और विनम्रता होनी चाहिए
स्त्री मधुर वाणी वाली होनी चाहिए
जो स्त्री मधुर वाणी से बोलती हैं. ऐसी स्त्रियों को भी समाज में मान-सम्मान मिलता हैं. इसलिए स्त्री को कभी भी किसी को कड़वे शब्द नहीं कहने चाहिए।