Chankya Niti; समय से पहले ही ढल जाती है ऐसे लोगों की उम्र
आचार्य चाणक्य ने नीति शास्त्र के चौथे अध्याय के 17वें श्लोक में यह बताया है कि किन कारणों से स्त्री, पुरुष तथा घोड़े की उम्र जल्दी ढल जाती है।
अध्वा जरा मनुष्याणां वाजिनां बन्धनं जरा । अमैथुनं जरा स्त्रीणां वस्त्राणाम् आतपो जरा ।।
इस श्लोक के मध्य में आचार्य चाणक्य ने यह बताया है कि मनुष्य के लिए पैदल चलना अच्छा होता है, पर यदि वो अधिक चलता है या यात्रा करता रहता है तो वह जल्दी बुढा हो जाता है।
अनियमित दिनचर्या और घूमते रहने तथा असमय खान पान से मनुष्य का शरीर ढल जाता है और वह अपने चेहरे की चमक खो देता है।
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उसी प्रकार यदि घोड़े को बांध कर रखा जाए तो उसकी भी उम्र जल्दी ढल जाती है, घोड़ा दोड़ने भागने, मेहनत करने के लिए बना है न की खड़े रहने के लिए।
इन्सान घोड़े को पाल कर रखता है तो उसे बांध देता हिया जिस कारण वो जल्दी बुढा हो जाता है उसका शरीर आराम और केवल खड़े रहने के लिए नही बना है।
आचार्य चाणक्य कहते है कि अगर स्त्री को पति के द्वारा शारीरिक सुख नही मिल पाता है तो स्त्री की उम्र जल्दी ढल जाती है।