आचार्य चाणक्य एक चतुर और दूरदर्शी व्यक्तित्व रखते थे, वे अपने अनुभवो और कुशलता से किसी भी विकट परिस्थिति का समाधान कर सकते थे, आचार्य चाणक्य किसी भी पुरुष या स्त्री के चरित्र के बारें में उसकी आदतों का निरिक्षण कर बता देते थे कि उस व्यक्ति का चरित्र कैसा है। चाणक्य की नीतिया आज के समय में भी बहुत उपयोगी है इन नीतियों में इतनी सटीकता है कि इन नीतियों को सेकड़ो वर्ष बाद भी यदि प्रयोग किया गया तो ये नीतियाँ वेसे ही प्रभावी होगी जैसी उस समय थी। चाणक्य ने स्त्री के चरित्र में सन्दर्भ में भी नीतियाँ साझा की है। चाणक्य नीति स्त्री का चरित्र पहचानने में भी मददगार है। आप चाणक्य की इन नीतियों के द्वारा किसी भी महिला का चरित्र पहचान सकेंगे की वह चरित्रवान है या चरित्रहीन। चाणक्य का कहना है कि महिला का उत्तम चरित्र ही उसकी पूंजी है। आगे इस लेख में हम आपको यह बताएँगे की चाणक्य ने किन किन आदतों को एक चरित्रहीन स्त्री की आदतें बताया है और ये आदतें दर्शाती है कि स्त्री चरित्रहीन है। किसी भी महिला के चरित्र पर कभी भी तुरंत शक नही करना चाहिए पहले उसे समझना चाहिए और उसकी आदतों का आकलन कर ही उसके चरित्र के बारे में कोई राय बनाना चाहिए।
चाणक्य नीति स्त्री का चरित्र पहचानने में भी है मददगार
चाणक्य के अनुसार आपको किसी महिला के चरित्र की पहचान करनी है तो आपको सबसे पहले उसकी आदतों पर ध्यान देना होगा। आइये जानते है कि किन आदतों के माध्यम से आप स्त्री के चरित्र की पहचान कर सकते है।
बुरी आदतें रखने वाली स्त्री
जो स्त्री बुरी आदतें रखती है उसका चरित्र निश्चित ही उत्तम नही होता है। जो महिला नशे की आदि होती है तथा रिश्तो से ज्यादा नशे को महत्व देती है वो स्त्री बिलकुल भी रिश्ते बनाने लायक नही होती है। हो सकता है ऐसी महिला से मित्रता करना आपको नुकसान पंहुचा सकता है और समाज में आपकी छवि को धूमिल कर सकता है। भविष्य में आपको भी नशे की आदत लगने का खतरा रहता है जो आपकी शरीरिक समस्याओ का कारण बन सकता है। इसिलए बुरी आदत रखने वाली स्त्री से दूर ही रहना चाहिए।
स्त्री का धार्मिक ना होना
यदि स्त्री धार्मिक प्रथाओ का पमन करती हो और उन्हें मानने से इंकार करती हो तथा धार्मिक कार्यो में अपनी उपस्थिति नही देती हो तो उस स्त्री के चरित्र पर कभी भी विश्वास नही करना चाहिए। ऐसी महिलाए कभी भी धोका दे सकती है और आपको नुकसान पहुच सकती है। जो स्त्री धर्मिक होती है उसके व्यवहार में नम्रता होती है और उसका चरित्र भी उत्तम होता है। धर्म का पालन करना एक अच्छी आदत है इसे हर किसी को अपनाना चाहिए।
पुरुषो को नीचा दिखाने वाली
जो स्त्री पुरुषो का सम्मान नही करती है तथा उन्हें हर समय नीचा दिखाने की कोशिश करती है ऐसी स्त्री बिलकुल भी किसी भी प्रकार के रिश्ते के काबिल नही है। ऐसी स्त्रियां पुरुषो को नीचा देखाने की लालसा में किसी भी हद तक गुजर जाती है और अपने पति के सम्मान को भी बनाए रखने में असफल होती है। बहुत सी महिलाऐं पुरुषो से खुद की तुलना करने तथा उन्हें नीचा दिखाने की इतनी अधिक कोशिश करती है कि अपने रिश्तो को ही खो बैठती है।
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पैसो के लिए कुछ भी कर गुजरने वाली
कुछ महिलाऐं धन दोलत तथा आभूषणों को अधिक महत्व देती है और धन के लालच में कुछ ऐसी हरकते कर बैठती है जो उन्हें शोभा नही देती है। ऐसी स्त्री को चरित्रहीन कहा जाता है तथा पैसो का लालच रखने वाली स्त्री को कभी भी महत्व नही देना चाहिए।
निष्कर्ष
आप चाणक्य की इन नीतियों को यदि अच्छे से समझ लेंगे तो आपको किसी भी स्त्री के चरित्र की पहचान करने में कठिनाई नही होगी। अगर आप शादी के लिए एक चरित्रवान स्त्री चाहते है तो चाणक्य की इन नीतियों को जरुर स्मरण रखना। चाणक्य निति जीवन को सरक तथा समर्द्ध बनाने में हमेशा से ही कारगर रही है।
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