रामायण में कितने काण्ड हैं? जानिए रामायण से जुड़ी जानकारियाँ

रामायण के कुल कितने भाग हैं

हिन्दू में बहुत से पवित्र ग्रन्थ है, जिन्हें पढ़ा जाता है और उनकी पूजा तक की जाती है। ऐसा ही एक प्रमुख ग्रन्थ है रामायण जिसमे विष्णु के अवतार भगवान राम का वर्णन है। भगवान राम हिन्दू धर्म के एक प्रमुख भगवान है, जिनका नाम करोड़ो लोग प्रतिदिन लेते हैं। रामायण किसने लिखी थी? पंडित … Read more

धनुष यज्ञ किसके द्वारा आयोजित किया गया?

धनुष यज्ञ किसके द्वारा आयोजित किया गया

दुसरो की भलाई के लिए किये गए कार्यों को प्राचीन काल में यज्ञ कहा जाता था। ऋषि मुनियों व राजाओं के द्वारा विभिन्न प्रकार के यज्ञों का आयोजन निरंतर रूप से चलता रहता था। यज्ञ वायु को भी शुद्ध करते हैं और साथ ही यज्ञ करके ईश्वर का आशीर्वाद भी प्राप्त किया जाता है। इसी … Read more

Jatayu Ke Bhai Ka Naam Kya Tha – जटायु के भाई का क्या नाम था?

jatayu ke bhai ka naam

रामायण हिन्दू धर्मं का एक पवित्र ग्रन्थ है। रामायण की कथा में अनेक पात्र है और प्रत्येक पात्र की अपनी विशेषता है, उन्ही में से है जटायु। आज हम इन्हीं के बारे में बात करेंगे और साथ ही आपके प्रश्न का उत्तर भी देंगे कि Jatayu Ke Bhai Ka Naam Kya Tha – जटायु के … Read more

तुलसीदास जी के गुरु कौन माने जाते हैं – Tulsidas Ke Guru Kaun Mane Jaate Hain

tulsidas ke guru kaun mane jaate hain

भारत वर्ष ऋषि मुनियों एवं कवियों का देश है। इस पावन भूमि पर कई महान कवि हुए हैं जिनमे से एक है गोस्वामी तुलिसदास जी। जिन्होंने रामायण जैसे अद्वितीय ग्रन्थ का अनुवाद कर उसे जन जन तक पहुँचाया जिसे हम सभी “रामचरितमानस” के नाम से जानते हैं। तुलसीदास जी को हिंदी के सर्वश्रेठ कवियों में … Read more

Ramayan Kitne Saal Purani Hai – रामायण कितने साल पुरानी है?

Ramayan Kitne Saal Purani Hai

रामायण किसी धर्म विशेष का ग्रन्थ नहीं है! और रामायण सिर्फ श्री राम का जीवन चरित्र ही नहीं बल्कि सभी मनुष्यों को जीवन जीने की राह दिखाता है। रामायण में श्रीराम के सोलह गुण बताए गए हैं, जो लोगों में नेतृत्व क्षमता बढ़ाने व किसी भी क्षेत्र में अगुवाई करने के अहम सूत्र हैं। वाल्मीकिजी … Read more

आदित्य ह्रदय स्त्रोत – Aditya Hridaya Stotra in Hindi

Aditya Hridaya Stotra in Hindi

आदित्य ह्रदय स्त्रोत रामायण के युद्धकांड का भाग है यह युद्धकांड का 105 वां सर्ग है। इसमे 30 श्लोक है जिसे 6 भागों में बाटा गया है| अगस्त्य ऋषि द्वारा यह स्तोत्र श्री राम को बताया गया था। इस स्त्रोत का नियमानुसार पाठ करने से सूर्य के समान तेज प्राप्त होता है और युद्ध तथा मुकदमों … Read more