Jatayu Ke Bhai Ka Naam Kya Tha – जटायु के भाई का क्या नाम था?


रामायण हिन्दू धर्मं का एक पवित्र ग्रन्थ है। रामायण की कथा में अनेक पात्र है और प्रत्येक पात्र की अपनी विशेषता है, उन्ही में से है जटायु। आज हम इन्हीं के बारे में बात करेंगे और साथ ही आपके प्रश्न का उत्तर भी देंगे कि Jatayu Ke Bhai Ka Naam Kya Tha – जटायु के भाई का क्या नाम था?

जटायु का उल्लेख रामायण में तब आता है जब रावन माता सीता का हरण कर वायु मार्ग से उन्हें लंका ले जा रहा होता है। जटायु जब यह देखते हैं तो उनके ओर रावन के बीच युद्ध होता है जिसमे जटायु अपने प्राण खो देते हैं।

Jatayu Ke Bhai Ka Naam Kya Tha?

जटायु के भाई का नाम संपाती था। जब श्री राम ओर उनकी सेना माता सीता की खोज में समुद्रतट पर पहुचते है तो उनकी भेंट संपाती से होती है जो उन्हें माता सीता का पता बताते हैं।

क्या आप जानते हैं की एक बार संपाती ओर जटायु अपने पिता अरुण जोकि सूर्यदेव के सारथी है, से मिलने जा रहे थे। बिच रास्ते में जब सूर्यदेव की गर्मी तेज होने लगी तो जटायु वापस लोट आये लेकिन संपाती आगे बढ़ते गए जिस कारण उनके पंख जल गए। तो दोस्तों ये जानकारी थी जटायु के भाई संपाती के बारे में, इसी प्रकार की जानकारी हम आपके लिए लाते रहेंगे।

जटायु कौन सा पक्षी है?

जटायु एक गिद्ध थे। यह रामायण के एक महत्वपूर्ण पात्र हैं एवं ये देव पक्षी अरुण के पुत्र थे।

जटायु का अंतिम संस्कार कौन करते हैं?

माता सीता की रक्षा करते हुए जटायु अति गंभीर रूप से घायल हो चुके थे और प्राण इसीलिए बचा के रखे थे ताकि वे श्री राम को इसकी जानकारी दे सकें। जटायु की मृत्यु के पश्चात् श्री राम ने ही उनका अंतिम संस्कार किया।

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