आज आप जानेंगे कि रेखा किसे कहते हैं? तथा रेखा कितने प्रकार की होती है? हम कुछ भी लिखते हैं तो वह शब्द एक रेखा खीचने के बाद ही प्रारंभ होता है, रेखा का महत्व हर विषय में होता है पर गणित के विषय में उसका महत्व कुछ ज्यादा ही है। रेखा की शुरुआत एक बिंदु से होती है जब हम हमारे पेन को पेपर पर टिकाते हैं तो बिंदु का निर्माण होता है और उस बिंदु से आगे बढ़ते जाने पर रेखा का निर्माण होता है। रेखा कई प्रकार की होती है और रेखा से सम्बन्धित प्रश्न कई परीक्षाओं में भी पूछे जाते हैं इसीलिए विद्यार्थियों को रेखा के बारे में जानकारी होने की जरूरत होती है। इस बात को ध्यान में रखते हुए आज हम आपको रेखा से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी साझा करने वाले हैं।
रेखा की परिभाषा
रेखा का निर्माण बिंदु से होता है, बहुत से बिन्दुओ से मिल कर एक रेखा का निर्माण होता है या 2 बिंदु के मध्य की दूरी को एक रेखा कहा जा सकता है। बिंदु कई तरह के होते हैं जो परिस्तिथि के अनुसार परिभाषित किये जाते हैं जैसे किसी वृत्त के मध्य उपस्थित बिंदु को केंद्र बिंदु कहते हैं, बिंदु की कोई लम्बाई चौड़ाई नहीं होती है।
ज्ञानग्रंथ का WhatsApp Channel ज्वाइन करिये!रेखाएँ किसे कहते हैं?
“किसी समतल पृष्ठ पर दो बिंदुओं के मध्य की दूरी को बहुत सारे बिंदुओं के समूहों से मापा जाता है, जिसे एक रेखा कहा जाता है।”
रेखा के प्रकार
दो बिंदु को मिलाने के बाद एक रेखा का निर्माण होता है क्योकि बिन्दुओ को आपस जोड़ना असम्भव है इन्हें एक सीधी लाइन में रख कर रेखा का निर्माण होता है जो सरल रेखा होती है पर कई बार अलग-अलग तरह की रेखाओं के निर्माण की जरूरत होती, तो आइये जानते हैं कि रेखा कितने प्रकार की होती हैं?
सरल रेखा
एक बिंदु से केवल एक ही दिशा की में बढ़ते हुए अपने अंतिम बिंदु तक पहुंचने वाली रेखा को सरल रेखा कहा जाता है।
जो रेखा रास्ते में अपनी दिशा नहीं बदलती, जिस दिशा में बढ़ रही है, उसी दिशा में चलती रहती है तथा अंतिम बिंदु तक पहुंचती है वह सरल रेखा कहलाती है।
वक्र रेखा
जो रेखा एक बिंदु से दूसरे बिंदु तक जाने के लिए मार्ग में दिशा को कई बार बदलती है वक्र रेखा कहलाती है, टेढ़ी-मेढ़ी रेखा वक्र (Curve) कहलाती है। वक्र ऐसी रेखा है जिसके प्रत्येक बिंदु पर विशेष नियम से परिवर्तन होता है।
संगामी रेखा
वह एक से अधिक रेखाएं जो किसी एक ही बिंदु से हो कर गुजरती है संगामी रेखा कहलाती है इन्ही दिशाएँ भिन्न हो सकती है।
तिर्यक रेखा
जब दो समानांतर रेखाओं को कोई तीसरी रेखा काटती है तो वह तीसरी रेखा तीरयक रेखा कहलाती है।
समानांतर रेखा
जिन दो रेखाओं की दिशा अंत और प्रारम्भ समान होते है और वह कभी भी मिल नहीं सकती है तथा समान अंतर के साथ आगे बढती है समानांतर रेखा कहलाती है।
क्षैतिज रेखा
ग्राफ में X के अक्ष पर बढ़ने वाली रेखा क्षैतिज रेखा कहलाती है यह बाएं से दाएं की ओर बढ़ती है।
लंबवत रेखा
यह रेखा 90 डिग्री के कोण के साथ ऊपर से नीचे की और बढती हैं तथा Y के अक्ष पर बढ़ने वाली रेखा होती है।
FAQs
रेखा दो बिंदुओं को जोड़ने का काम करती है।
दो बिंदुओं के बीच की रेखा जो किसी भी तरफ से आगे ना बढ़ पाए को रेखाखंड कहलाती है।
कुछ और महत्वपूर्ण लेख –