भाषा एक व्यापक शब्द है या कह सकते हैं कि भाषा अधिक लोगों द्वारा एक बड़े क्षेत्रफल में बोली जाती है। भाषा की ही एक स्वरुप है बोली, जो एक छोटे क्षेत्र में उपयोग की जाती है और भाषा के मुकाबले काफी कम यानि क्षेत्रीय लोगों द्वारा इसका उपयोग किया जाता है। इसलिए हम कह सकते हैं कि बोली भाषा का ही एक क्षेत्रीय स्वरुप है। हमारा देश विभिन्न संस्कृतियों को संजोये हुए है और हमारे यहां कई सारी भाषाओं और बोलियों का उपयोग किया जाता है। इन्हीं में से एक बोली है कौरवी बोली जो कि दिल्ली और उसके आस-पास के क्षेत्रों में बोली जाती है। इसे मुख्यतः कुरु जनपद यानि मेरठ और दिल्ली के आसपास के क्षेत्र में रहने वाले लोगों के द्वारा बोलचाल में उपयोग किया जाता है। इसे लगभग 1.5 से 2 करोड़ लोग बोलते हैं। आज हम आपको बताएंगे कि कौरवी का दूसरा नाम क्या है?
कौरवी का दूसरा नाम क्या है ?
कौरवी का दूसरा नाम खड़ी बोली है। इसे दिल्ली बोली भी कहा जाता है।
माना जाता है कि अवधी, भोजपुरी और ब्रज बोलियों के साथ इसका भी विकास 900 से 1200 के बीच हुआ। कौरवी बोली की एक विशेषता है “स्वनों का दोहराव” जो कि इसे अवधी, ब्रज और मानक हिंदुस्तानी से अलग करता है।
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