सबरीमाला मंदिर का दौरा करने के लिए यात्रियों को कई प्रक्रियाएं और नियमों का पालन करना पड़ता है। यात्रियों को शुद्धता और व्रत की शर्तें पूरी करनी होती हैं। मंदिर जाने के लिए उन्हें 41 दिनों तक व्रत रखना पड़ता है और उन्हें अपने विचारों और कर्मों को पवित्र करने के लिए त्याग करना पड़ता है।
सबरीमाला मंदिर कहां स्थित है?
सबरीमाला मंदिर भारत के केरल राज्य में स्थित होने के कारण एक प्रमुख हिंदू तीर्थस्थल है। यह मंदिर हिमालय की श्री धारामसाला पहाड़ी श्रृंग पर स्थित है, जो वेस्टर्न घाट के तट पर स्थित है। सबरीमाला मंदिर को महत्वपूर्ण माना जाता है क्योंकि इसमें मान्यता है कि यह भगवान आय्यप्पन की आधिष्ठान है, जो जीवन के संकटो से मुक्ति देते हैं। सबरीमाला मंदिर की कथा धार्मिक महत्व रखती है। यह मंदिर महाभारत काल में बना था और बताया जाता है कि इसी जगह पर सीता माता ने भगवान राम के आगमन का स्वागत किया था। इसीलिए यहां पर रामायण काल की कई घटनाएं हुईं थीं। महाभारत में भी इस जगह को सबरीमाला के रूप में उल्लेख किया गया है।
सबरीमाला मंदिर का सबसे महत्वपूर्ण समय पर्यटक सीजन के दौरान होता है, जब श्री आय्यप्पन के भक्त नवरात्रि के दौरान और मंगल मास में यात्रा करते हैं। इस समय लाखों भक्तों की भीड़ देखी जा सकती है, और यह भक्तों के लिए एक महान सामाजिक और धार्मिक आयोजन है। सबरीमाला मंदिर वाणीपट्टी नामक छोटे शहर के पास स्थित है। यह एक धार्मिक और आराधना केंद्र के रूप में भी माना जाता है, जहां यात्री विभिन्न उपकरणों, पूजा सामग्री, वस्त्रों, पुष्पों और प्रसाद को खरीद सकते हैं। यहां आपको विभिन्न आराधना उपकरणों की विस्तृत विकल्प मिलती है जो आपकी आवश्यकताओं को पूरा करती हैं।
यहां आपको सबरीमाला मंदिर के आस-पास की प्राकृतिक सुंदरता का भी आनंद मिलेगा। यहां पर्यटक घने जंगल, पहाड़ियाँ और नदियों के सुंदर दृश्यों का आनंद ले सकते हैं। यहां आपको पेरियार वाटर वन, तालामाला जलाशय और उम्मीचमंगा नदी भी देखने का अवसर मिलेगा।सबरीमाला मंदिर एक ऐतिहासिक, धार्मिक और प्राकृतिक स्थल है जिसे भक्तों के लिए एक पवित्र और आध्यात्मिक यात्रा का केंद्र माना जाता है। यहां पर्यटक शांति, समृद्धि और मुक्ति की कामना के साथ अपनी आत्मा को संशोधित करने का अवसर प्राप्त करते हैं। सबरीमाला मंदिर की यात्रा एक अद्वितीय और प्रशंसनीय अनुभव है जो आपकी आध्यात्मिकता को नई ऊचाईयों तक ले जाता है।
अन्य जानकारी
इस मंदिर के समीप मकर संक्रांति की रात को एक ज्योति दिखाई पड़ती है, तथा लाखो श्रदालु इस ज्योति के दर्शन के लिए आते हैं, और कहा जाता है कि रौशनी के दिखने के साथ ही तेज आवाजे भी सुनाई देती है, इस ज्योति को मकर ज्योति के नाम से जाना जाता है।
सबरीमाला मंदिर के मंदिर में महिलाओं के प्रवेश पर प्रतिबन्ध है क्योंकि यह मंदिर श्री अयप्पा का है और वह ब्रह्माचारी थे इसीलिए यहाँ उन महिलाओं का जाना वर्जित है जिन्हें मासिक धर्म आते हैं, केवल छोटियां बच्चियां और बुजुर्ग महिला ही जा सकती है।
FAQs
सबरीमाला मंदिर में भगवान अयप्पा स्थापित है।
हवाई मार्ग से कोच्चि पहुंचने के बाद सड़क मार्ग से लगभग 160 किमी की यात्रा करनी होगी।
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