नियम जीवन के हर पहलु में आपको देखने को मिलेंगे। केवल विद्यालय या हिंदी और अंग्रेजी में ही नहीं बल्कि गणित के भी कुछ नियम हैं जिनका पालन करना अनिवार्य है। गणित एक ऐसा विषय है जो संख्याओं के आधार पर कार्य करता है। इसमें सभी संख्याओं पर जोड़, घटाव, गुना, भाग व कई तरह के कैलकुलेशंस किये जाते हैं। गणित में संख्याओं को दो भागों में विभाजित किया गया है। सम और विषम.. आईये जानें Visham Sankhya Kise Kahate Hain – विषम संख्या किसे कहते हैं?
Visham Sankhya Kise Kahate Hain?
विषम संख्या किसे कहते हैं: विषम संख्याएँ, वे पूर्ण संख्याएँ होती है जिन्हें दो से भाग देने पर पूर्ण संख्या ही प्राप्त नहीं होती है अर्थात अंत में शेष बचता है।
Visham Sankhya Kaun Kaun Si Hai?
1, 3, 5, 7, 9 क्रमिक विषम संख्याएँ हैं।
विषम संख्याओ की कुछ रोचक बातें –
- दो या दो से अधिक विषम संख्याओं का गुणनफल हमेशा विषम होता है। जैसे- 3 (विषम) × 7 (विषम) = 21 (विषम)।
- दो विषम संख्याओं का योग सदैव सम होता है। जैसे- 3 (विषम) + 5 (विषम) = 8 (सम)।
- दो विषम संख्याओं को घटाने पर हमेशा एक सम संख्या प्राप्त होगी। उदाहरण के लिए 7 (विषम) – 1 (विषम) = 6 (सम)।
- दो विषम संख्याओं का भाग हमेशा एक विषम संख्या देगा। उदाहरण के लिए, 33 (विषम) 11 (विषम) = 3 (विषम)।
विषम संख्याओ की पहचान –
विषम संख्या को पहचानने का सबसे आसान तरीका है उसे 2 से विभाजित करें, यदि संख्या 2 से पुर्णतः विभाजित नहीं हो ओर शेषफल बच जाये तो वह विषम संख्या है।
विषम संख्याओ में इकाई के स्थान पर 1, 3, 5, 7, और 9 होते हैं।
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