प्रश्न है कि अनुलोम विलोम कितने मिनट करना चाहिए?
योग एक प्राचीन भारतीय अभ्यास है जिसके अंतर्गत विभिन्न आसन, प्राणायाम और ध्यान के माध्यम से मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को सुधारा जाता है। अनुलोम विलोम एक प्राणायाम तकनीक है जो श्वास प्रणाली को शुद्ध करने, श्वास की गति को सामयिक रूप से बदलने और मन को शांत करने में मदद करती है। इस लेख में हम जानेंगे कि अनुलोम विलोम को कितने मिनट तक करना चाहिए और इसके लाभों के बारे मे चर्चा करेंगे।
अनुलोम विलोम क्या है?
अनुलोम विलोम एक प्राणायाम तकनीक है जिसमे व्यक्ति नाक के द्वारा नासिकाओं से श्वास लेता है। इस तकनीक में दायीं नासिका बंद की जाती है और व्यक्ति बायां नासिका से श्वास लेता है। इसके बाद दायी नासिका खोलकर और बाई नासिका बंद करके व्यक्ति बाई नासिका से श्वास लेता है। यही प्रक्रिया आगे बढ़ती रहती है और श्वास की गति को सामयिक रूप से बदलते हुए प्रक्रिया को दोहराते रहते हैं।
अनुलोम विलोम के लाभ
अनुलोम विलोम का नियमित अभ्यास कई शारीरिक और मानसिक लाभ प्रदान कर सकता है। यह प्राणायाम मन को शांत करने, मानसिक तनाव को कम करने और मेंटल क्लैरिटी को बढ़ाने में सहायक होती है। यह श्वास प्रणाली को साफ करके श्वास की गति को सुधारता है।
अनुलोम विलोम का नियमित अभ्यास निम्नलिखित लाभ प्रदान कर सकता है:
- तनाव कम करना: अनुलोम विलोम मानसिक तनाव को कम करने और मन को शांत करने में मदद करता है। यह मानसिक स्थिरता, ध्यान में सुधार करता है।
- श्वास प्रणाली को सुधारना: अनुलोम विलोम श्वास प्रणाली को साफ करने में मदद करता है और श्वास की गति को सुधारता है। यह फेफड़ों को मजबूती देता है और श्वसन क्षमता को बढ़ाता है।
- मानसिक क्लैरिटी: नियमित अनुलोम विलोम कार्यक्रम मानसिक क्लैरिटी और मेंटल फोकस को बढ़ाता है। यह विचार शक्ति और मेमोरी को बढ़ाने में मदद कर सकता है।
- प्रतिरोधक क्षमता: नियमित अनुलोम विलोम प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में सहायक हो सकता है। इसके द्वारा शरीर की रोगों से लड़ने की क्षमता में सुधार होता है।
अनुलोम विलोम करने का सही तरीका
अनुलोम विलोम प्राणायाम को सही ढंग से करना बहुत जरूरी है।
- सुखासन में बैठें और स्पाइन को सीधा रखें। आंखें बंद करें और शरीर को धीरे-धीरे शांत करें।
- दाहिने नासिका को अपने बांये उँगली से बंद करें और गहरी सांस लें।
- दाहिने नासिका को खोलकर बाएँ नासिका को बंद करें और धीरे-धीरे सांस छोड़ें।
- अब बाएं नासिका को खोलें और दाहिने नासिका को बंद करें, धीरे-धीरे श्वास छोड़ें।
- इस प्रक्रिया को धीरे-धीरे जारी रखें, प्रत्येक सांस को समान और धीमी गति से छोड़ते हुए।
अनुलोम विलोम कितने मिनट करना चाहिए?
अनुलोम विलोम के लिए रोजाना 10 से 15 मिनट तक का समय काफी होता है। आप इसे सुबह और शाम के समय कर सकते हैं, या अपनी आवश्यकतानुसार किसी भी समय में इसका अभ्यास कर सकते हैं। ध्यान दें कि आप खाली पेट या भोजन के बाद इसे करने से पहले कम से कम एक घंटा इंतजार करें।
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