माना जाता है कि अमावस्या के दिन पितरों की पूजा करने से व्यक्ति पितृ ऋण से मुक्त हो सकता है साथ ही ऐसा करने से पितृ भी प्रसन्न होते हैं और आशीर्वाद प्रदान करते हैं। आइयें जानते हैं अमावस्या के दिन पितरों को कैसे खुश करें?
अमावस्या के दिन पितरों को कैसे खुश करें?
पंडित शिव नाथ के अनुसार हिन्दू कालान्तर के अनुसार हर माह में एक अमावस्या जरुर आती है और उसका अधिक महत्व भी होता है। अमावस्या पर पितरो की आत्मा की शांति के लिए तर्पण किया जाता है और ऐसा करने से व्यक्ति पितृदोष से मुक्त हो जाता है। अमावस्या के दिन पितरों तर्पण करना चाहिए उनकी पूजा कर उन्हें दीपक अगरबती लगाना चाहिए, पितरो को खुश करने के लिए अमावस्या के दिन दान करना चाहिए, अगर हम इस दिन किसी जरुरतमन्द को दान करते हैं तो पितृ प्रसन्न होते हैं और हमें पुण्य भी मिलता है, साथ ही काले कौए को भी भोजन कराना चाहिए, सुबह उठ कर स्नान के बाद सूर्य को जल अर्पित करना चाहिए तथा परिवार में शांति के लिए श्रीमद्भागवत गीता का पाठ करना चाहिए। अमावस्या को गाय की सेवा करना चाहिए उन्हें भोजन कराना चाहिए तथा गौशाला में दान देना चाहिए।
ज्ञानग्रंथ का WhatsApp Channel ज्वाइन करिये!- प्रत्येक अमावस्या को पितरो का ध्यान करना चाहिए, तथा पीपल के पेड़ के पास चीनी, गंगाजल आदि अर्पित कर पीपल के पेड़ की पूजा करना चाहिए।
- अमावस्या को सूर्य को ताम्बें के लोटे से जल अर्पित करना चाहिए, जल में लाल चंदन और गंगा जल मिला कर सुर को सुबह जल अर्पित करना चाहिए।
- अमावस्या को पितृसूक्त का पाठ करना चाहिए, यह मंत्र कुछ इस तरह है “‘ॐ पितृभ्य: नम:'”।
यदि पितृ नाराज़ होते हैं तो सन्तान को कई तरह की समस्याएँ आने लगती है, आइयें जानते हैं कि हमे किस तरह पता लग सकता है कि हमाए पितृ नाराज़ है।
- जिनके पितृ नाराज़ होते हैं उन्हें पुत्र प्राप्ति में समस्या आती है और वंश को आगे बढ़ने का खतरा बन जाता है।
- यदि व्यापार में उन्नति न हो या फिर कड़ी मेहनत के बाद भी नौकरी में पदोन्नति न हो तो हो सकता है कि पितृ अप्रसन्न हो और इसी कारण से आप नौकरी या व्यापार में उन्नत्ति न कर पा रहे है।
- यदि घर परिवार में हमेशा कलह बना रहें और आपस में हर वक़्त लड़ाई होती रहे हैं तो इसका अर्थ हो सकता हैं आपके पितृ प्रसन्न नहीं है।
- यदि प्रत्येक काम में अडचने आने लगे और कार्य पूर्ण न हो सकें जिससे की जीवन प्रभावित हो तो समझ जाना चाहिए कि पितृ नाराज़ है।
- यदि घर के सदस्य बार बार बीमार होने लगें और एक के ठीक होते हो दूसरा व्यक्ति बीमार होने लगे तो इसका अर्थ है कि किसी न किसी कारण से पितृ नाराज़ है।
FAQs
अमावस्या के दिन सिंदूर चाहिए, सिंदूर लगाने की कोई मनाही नहीं है।
अमावस की रात को दान-पुण्य करना चाहिए।
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