आज हम बात करने वाले है बाणभट्ट के बारें में और साथ ही हम आपको यह भी बताएँगे कि बाणभट्ट का असली नाम क्या था?
बाणभट्ट का असली नाम क्या था?
बाणभट्ट के किसी और नाम के बारे में जानकारी कही भी अंकित नही है सम्भवतः बाणभट्ट का कोई और नाम नही था।
बाणभट्ट एक प्रसिद्ध संस्कृत महाकवि थे, यह एक गद्यकाव्यकार भी थे जिन्होंने इस क्षेत्र में बहुत प्रसिद्धी प्राप्त की थी। हर्षचरित-वर्णन के अनुसार बाणभट्ट का जन्म 606 ई. में हुआ था एवं इनका जन्म स्थान बिहार राज्य के सारण ज़िले में स्थित छपरा को बताया गया है। यह सातवीं शताब्दी के संस्कृत गद्य लेखक थे जो बहुत ही प्रसिद्ध कवियों में से एक माने जाते हैं। राजा हर्षवर्धन के दरबारी कवि बाणभट्ट ही थे। उन्होंने शास्त्रज्ञान ओर काव्यप्रतिभा के कारण राजसभा में आश्रय, सम्मान और अपना स्नेह प्राप्त किया ।
बाणभट्ट के गुरु भी थे जो उन्हें शिक्षा तथा ज्ञान दिया करते थे, उनकी इस महानता के पीछे उन्ही का योगदान था तथा उनका नाम भत्सु या भर्वु था। बाणभट्ट की विशिष्ट कृति कादम्बरी संस्कृत गद्य साहित्य की सर्वोत्कृष्ट रचना है।
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