शादी के बाद स्त्री उसके पति की अर्धांगनी कहलाती है, जिसका अर्थ होता है उसके शरीर का आधा हिस्सा। पत्नी को अर्धांगनी इस लिए कहा जाता है क्योकि वह अपने पति के जीवन को काफी हद तक प्रभावित करती है, एक भाग्यशाली स्त्री हमेशा से ही पति के लिए शुभ संकेत रहती है क्योकि वह उसका जीवन सुखमय कर देती है। एक भाग्यशाली स्त्री अपने साथ साथ अपने परिवार और पति की किस्मत चमका देती हैं। आइये जानते हैं कि समुद्रशास्त्र के अनुसार ऐसे क्या लक्षण हो सकते हैं जो एक भाग्यशाली स्त्री को पहचानने में मदद कर सकते हैं। इस लेख में आप जानेंगे कि भाग्यशाली स्त्री के लक्षण क्या-क्या है?
भाग्यशाली स्त्री के लक्षण
नाक पर तिल
सामुद्रिक शास्त्र के अनुसार जिस स्त्री की नाक के अगले हिस्से पर तिल होता है, वह स्त्री बहुत ही भाग्यशाली होती है, ऐसी स्त्री पर माता लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है और उसे कभी भी आर्थिक संकट से नहीं जूझना पड़ता है। धन और सम्पदा के मामले में ऐसी स्त्री बहुत ही सुखी होती है।
माथा चौड़ा
सामुद्रिक शास्त्र के मुताबिक जिस स्त्री का माथा चौड़ा होता है वह बहुत ही खुशकिस्मत होती है, उसके जीवन में बहुत ही कम परेशानियाँ आती है तथा वह परिवार वालो के लिए भी शुभ होती है। ऐसी स्त्री की पहचान करने के लिए आपको देखना होगा जिन लड़कियों का माथा तीन उंगुल से चौड़ा, उसका आकार आधे चंद्रमा की तरह हो वह अत्यधिक भाग्यशाली मानी गयी है।
पैर के अंगूठे की बनावट
जिस स्त्री के पैर के अंगूठे की बनावट गो ल्होती है जो थोडा सा उठा हुआ है तो वह स्त्री भाग्यशाली मानी गयी है। ऐसी स्त्री परिवार के साथ साथ पति और बच्चो के भविष्य के लिए भी सौभाग्यवर्धक होती है, तथा ऐसी स्त्री के जीवन में आने से किस्मत बदल जाती है और परेशानियों का नाश होने लगता है।
भोहों का आकार
अगर किसी स्त्री की भोहें एक समान दूरी पर है तो वह स्त्री भाग्यशाली मानी जाती है। ऐसी स्त्री की भोहें धनुष की तरह होती है। ऐसी स्त्री बड़ी किस्मत वाली होती है, और दिखने में भी सुन्दर भी होती है। ऐसी स्त्री से विवाह करने पर घर की नकारात्मकता का अंत हो जाता है तथा देवी लक्ष्मी और अन्य देवताओ की कृपा बनी रहती है जिस कारण परिवार पर अत्यधिक आपदाएं नहीं आती है।
कुछ और महत्वपूर्ण लेख –