गरुड़ पुराण के अनुसार पत्नी के कर्तव्य

गरुड़ पुराण के अनुसार हर पत्नी के होते हैं यह मुख्य कर्तव्य! घर को बना सकती है स्वर्ग

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By Nitesh Harode

हिंदू धर्म में गरुड़ पुराण को 18 महापुराणों में से एक प्रमुख पुराण माना जाता है। गरुड़ पुराण एक प्राचीनतम ग्रन्थ है जिसमें कई तरह की बातें लिखी गयी है जैसे – कर्तव्य के बारे में, जीवन-मरण के बारे में, पाप करने पर मिलने वाली सजाओं के बारे में, मोक्ष और पुनर्जन्म के बारे में , स्वर्ग-नर्क के बारें में आदि। गरुड़ पुराण में 271 अध्याय और 18000 श्लोक हैं। गरुड़ पुराण में पत्नी के कर्तव्यो के बारें में भी विस्तृत जानकारी दी गयी है। आइये जानते हैं कि गरुड़ पुराण के अनुसार पत्नी के कर्तव्य क्या-क्या है?

पति-पत्नी का रिश्ता एक ऐसा रिश्ता होता है जो जीवन में नयी उमंग लेकर आता है, यह जन्म जन्मांतर का रिश्ता है। साथ ही इस रिश्ते में कर्तव्य तथा अधिकार दोनों होते हैं। पति-पत्नी दोनों अपने कर्तव्यो को निभाते हैं यदि एक भी अपने कर्तव्यो को निभाने में पीछे रह जाता है तो रिश्ते में अनबन हो सकता है।

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गरुड़ पुराण के अनुसार पत्नी के कर्तव्य

गरुड़ पुराण के अनुसार पत्नी के लिए निम्न कर्तव्य बतलाये गए हैं।

गृहस्थी चलाना

गृहस्थी संभालना पत्नी का मुख्य कर्तव्य है, उसे अपने परिवार का अच्छे से ख्याल रखना चाहिए। घर के बच्चो से लेकर बड़े-बुजुर्गो तक की बात का ध्यान रखना चाहिए, घर के सभी काम जैसे खाना बनाना, साफ़ सफाई का ध्यान रखना भी पत्नी का कर्तव्य है। ऐसी पत्नी परिवार के लिए भाग्यशाली मानी जाती है तथा उस घर में कभी कलेश नहीं होता है।

सम्मान का भाव

एक संस्कारी पत्नी का कर्तव्य है कि वह परिवार के सभी सदस्यों तथा आने वाले मेहमानों और परिजनों का सम्मान करें और उनकी भावनाओ को समझे। ऐसी पत्नी उसके पति के लिए बहुत ही शुभ होती है तथा उसे सुलक्षणा पत्नी के रूप में देखा जाता है। सम्मान करने से घर वालो का भी आदर बढ़ता है तथा घर के सभी सदस्यों को सम्मान की दृष्टि से देखा जाता है। पत्नी घर की लक्ष्मी होती है इसीलिए उसका कर्तव्य है कि वह परिजनों के सम्मान का ध्यान रखें।

पतिव्रता

एक पतिव्रता स्त्री हमेशा अपने पति की सेवा करती है, अपने पति की हर बात को सुनती है तथा उनका सम्मान करती है। ऐसी स्त्री से पति भी बहुत प्रसन्न रहता है और उनके रिश्ते में कभी भी दरार नहीं आती है।

संयमित भाषा

पत्नी का कर्तव्य है कि वह अपनी भाषा पर नियंत्रण रखें तथा हमेशा ही संयमित भाषा का प्रयोग करें। पत्नी की भाषा पुरे परिवार के सदस्यों के संस्कार को दर्शाती है। इसीलिए एक पत्नी का कर्तव्य है कि वह मर्यादा का पालन करें और कभी भी ऐसे शब्दों का प्रयोग न करें जिनके कारण परिवार को नीचा देखना पड़ें।

तो ये थे गरुड़ पुराण के अनुसार पत्नी के कर्तव्य। जिनमें गृहस्थी को संभालना, सम्मान का भाव रखना, पतिव्रता धर्म का पालन एवं अच्छी भाषा का उपयोग करना को प्रमुख बताया गया है।

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