Chintamani Kiski Rachna Hai – चिन्तामणि किसकी रचना है?


नमस्कार! आज हम एक प्रसिद्ध रचना चिन्तामणि के बारे में बात करने वाले है जो चार भागो में प्रकाशित हुई थी। चलिए जानते है कि चिन्तामणि किसकी रचना है? (Chintamani Kiski Rachna Hai) और ये कब प्रकाशित हुई थी?

चिन्तामणि किसकी रचना है? (Chintamani Kiski Rachna Hai)

चिन्तामणि का प्रकाशन सन् १९३९ में हुआ था, जिसके रचियता आचार्य रामचन्द्र शुक्ल थे, यह एक निबंधात्मक ग्रन्थ है। आचार्य रामचन्द्र शुक्ल निबन्ध के क्षेत्र में बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान रखते है उनके द्वरा रचित निबन्धों में जीवन, क्रोध, मानसिकता मुख्य विषय रहे है।

आचार्य रामचन्द्र शुक्ल निबन्धकार के साथ साथ कोशकार, साहित्येतिहासकार, आलोचक, अनुवादक, कथाकार और कवि भी थे। इनकी रचना चिन्तामणि में उनके निबन्ध दो भागों में संग्रहीत हैं। आज भी पाठ्यक्रम निर्माण में उनके द्वारा रचित हिन्दी साहित्य का इतिहास पुस्तक की मदद ली जाती है।

आचार्य रामचन्द्र शुक्ल का जीवन परिचय

आचार्य रामचन्द्र शुक्ल का जन्म 4 अक्टूबर 1882 को उत्तरप्रदेश के बस्ती जिले में हुआ था। इनके पीता का नाम चंद्रबली शुक्ल था, सबसे दुखद बात यह थी कि उनकी माँ का जब निधन हुआ था तब आचार्य रामचन्द्र शुक्ल की उम्र केवल 9 साल ही थी।

इनकी पढाई काशी हिन्दू विश्‍वविद्यालय में हुई थी। यह बचपन से ही पढाई में बहुत रूचि रखते थे। 1901 में यह मिर्जापुर के लंदन मिशन स्कूल में इन्होने फाइनल परीक्षा पास की थी। इन्होने बहुत से ग्रन्थ लिखे थे जैसे हिंदी नागरी, प्रचारिणी पत्रिका, सूर,शब्दसागर, भ्रमरगीत सार, तुलसी जायसी ग्रंथावली उल्लेखनीय है। शुक्ल जी की शैली के मुख्यतः तीन प्रकार की है आलोचनात्मक शैली, गवेषणात्मक शैली, भावात्मक शैली।

आचार्य रामचन्द्र शुक्ल का निधन 2 फरवरी, सन् 1941को हो गया। कहा जाता है कि दिल की धडकन रुक जाने से इनकी मृत्यु हुई थी।

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