चींटी आकार ने छोटी होती है पर यदि काट ले तो आपको जलन, खुजली और लाल चकते का सामना करना पड़ सकता है। चींटी के काटने का दर्द तो हर किसी ने कभी ना कभी तो जरुर अनुभव किया होगा, यह दर्द बड़ा तीव्र होता है जो हमे परेशान कर सकता है। चीटियों से हमेशा से बचने की कोशिश की जाती है, घरो में चीटियों से बचने के लिए कई प्रकार के प्रोडक्ट भी मोजूद होते है। चीटियाँ अधिकतर मीठी चीजो के आस-पास पाई जाती है, यह एक कतार में चलती रहती है। इनका छोटा आकर ही इनकी ताकत होता है यह इस धरती पर असंख्य मात्रा में मौजूद है, यह कई रंग की होती है जैसे लाल, काली, भूरी। यह तो चीटियों से सम्बन्धित आम जानकारीयां है पर क्या आप जानते हैं की चींटी के डंक में कौन सा अम्ल पाया जाता है? अगर नही तो इस आर्टिकल में आपको इस सवाल का जवाब मिल जाएगा।
चींटी के डंक में कौन सा अम्ल पाया जाता है?
चींटी के डंक में फॉर्मिक अम्ल पाया जाता है। यह एक कार्बनिक योगिक है, यह अम्ल चूहों, मधुमक्खियो तथा बिच्छू के डंक व दन्त में भी पाया जाता है। जब यह किसी को काटते है तो यह अम्ल शरीर के अंदर चला जाता है जिससे की वे स्थान फुल जाता है।
चींटी के काटने पर जलन क्यों होती है?
चींटी के काटने पर जो फॉर्मिक अम्ल निकलता है वह हमारे उस स्थान पर जलन उत्पन्न करता है जहाँ चींटी के द्वारा काटा गया है। चींटी का काटना वैसे तो सामान्य माना गया है परन्तु यदि चींटी के कांटे के बाद जलन एक हफ्ते से अधिक दिनों के लिए बनी रहें हैं डॉक्टर को दिखाने की जरूरत होती है। यह एलर्जिक रिएक्शन हो सकता है जिस कारण उल्टी आना, जी मचलाने जैसी समस्या हो सकती हैं ।
एलर्जिक रिएक्शन के कोई गम्भीर बीमारी नहीं है इसके लिए डॉक्टर आपको एपिपेन लेने की सलाह देते हैं, तथा ज्यादा सुजन होने पर बर्फ से सिकाई करने और मेडिसिन लेने के लिए भी कहा जा सकता है। चींटी के काटे गये स्थान पर लाल निशान हो सकता है, जो समय के साथ ठीक हो जाता है इससे घबराने की कोई जरूरत नहीं होती है।
यदि आपके घर में आयें दिन चींटियाँ होती रहती है तो आपको बाज़ार में ऐसे स्प्रे मिल जाते हैं जो चींटियों को मार कसते हैं, घर में साफ़ सफाई रखने से चींटियों से बचा जा सकता है। घरो की तुलना में खेतो पर रास्ते पर ज्यादा चींटियाँ पायी जाती है। और कई बार तो यह बड़े-बड़े टीलो का निर्माण कर लेती है।
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