नमस्कार दोस्तों! हमारी यह साईट आपके प्रश्नों का उत्तर देने की पूरी कोशिश करती है। अधिकतर प्रश्नों के उत्तर आपको हमारी इस साईट पर मिल जाएंगे। आज हम आपको बताएँगे की धूमिल का असली नाम क्या था? (Dhumil Ka Pura Naam Kya Hai) और उनके जीवन से जुड़ी हुई कुछ जानकारियाँ भी प्रदान करेंगे।
धूमिल का असली नाम क्या था?
धूमिल का असली नाम सुदामा पांडेय था। यह एक कवि थे जो धूमिल के नाम से अपनी कविताएँ लिखते थे। सबसे दुखद तो यह था की इनकी मृत्यु 38 साल की उम्र में ही ब्रेन ट्यूमर के कारण हो गई थी।
जीवन परिचय
सुदामा पांडेय का जन्म 9 नवम्बर 1936 को हुआ था। इनका जन्म स्थान खेवली गाँव था जो वाराणसी में स्थित है। इनका परिवार खेती करता था, इनका विवाह बचपन में ही हो गया था जब इनकी उम्र केवल तेरह साल ही थी। इनके पिताजी का नाम शिवनायक पांडेय. माता जी का नाम रजवंती देवी तथा पत्नी का नाम मूरत देवी था। 1953 में हाईस्कूल से मैट्रिक पास करने के बाद 1958 में वाराणसी से विघुत का डिप्लोमा पूर्ण किया था। इन्हें हिंदी साहित्य का ‘तेजस्वी सूर्य’ कहा जाता है क्योकि यह समाज मे मोजूद बुराइयां, लोगो के अधिकारों का दमन, लोगो का शोषण, जैसे विषयों पर अपनी कविता से सन्देश देते थे। इनके समय में सुदामा तिवारी भी एक प्रसिद्द कवि थे नाम की समानता के कारण पाठको को किसी समस्या से न गुजरना पड़े इसीलिए सुदामा पांडेय ने एक नाम की तलाश जरी कर दी थी जिसके फलस्वरूप उनका नाम धूमिल से जाना जाने लगा है। इन्हें 1979 में प्रतिष्ठित साहित्य अकादमी पुरस्कार का पुरस्कार दिया गया था पर इस समय तक यह इस दुनिया में नही थे।
धूमिल की रचनाएं
काव्य संग्रह–
- संसद से सड़क तक
- धूमिल की कविताएं
- सुदामा पाण्डे का प्रजातंत्र
- कल सुनना मुझे
कविताएं–
- बीस साल बाद
- रोटी और संसद
- लोहे का स्वाद
- पटकथा
- मोचीराम
कुछ और महत्वपूर्ण लेख –