आखिर दो राज्यों के बीच वस्तुओं का आदान प्रदान क्या कहलाता है?
दो राज्यों के बीच वस्तुओं का आदान प्रदान कहलाता है
दो राज्यों के बीच वस्तुओं का आदान-प्रदान व्यापार कहलाता है, तथा दो देशों के बीच वस्तुओं का आदान-प्रदान अंतरराष्ट्रीय व्यापार कहलाता है। किसी राज्य की वस्तुओं की पूर्ति अगर नहीं हो पा रही है तो अन्य राज्यों के साथ व्यापार प्रारंभ करता है, जिसमें वस्तु के बदले निर्धारित कीमत चुकानी पड़ती है। क्योंकि हर राज्य या देश सारी चीजों का उत्पादन करने में असमर्थ होते हैं इसके लिए उन्हें व्यापार को आधार बनाना होता है। कई बार व्यापार शर्तों पर भी आधारित हो सकता है, हर बार मुद्रा को मुख्य नहीं माना जाता है, कुल मिलाकर व्यापार उत्पादन की मांग को पूर्ति करता है, इससे विश्व की अर्थव्यवस्था को भी लाभ होता है। आंतरिक व्यापार भी मुख्य भूमिका रखता है, आंतरिक व्यापार वह व्यापार है जो किसी देश की भौगोलिक सीमाओं के भीतर होता है।
वस्तु का आदान-प्रदान एक व्यापारिक संतुलन स्थापित करता है तथा देश या प्रदेश को आर्थिक या अन्य लाभ पहुंचाता है। व्यापार पर कई कारकों का प्रभाव पड़ता है जैसे रोजगार, आवश्यकता, गरीबी, वातावरण आदि। हर देश विश्व के साथ मिलकर व्यापार करना चाहता है क्योंकि इससे प्रगति हासिल होती है।
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