Govardhan Puja 2022 : हिन्दू केलेंडर के अनुसार गोवर्धन की पूजा कार्तिक माह में शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि पर की जाती है यह हिन्दू धर्म का एक मुख्य त्यौहार है जो उत्तरप्रदेश, बिहार, मध्यप्रदेश में बहुतायत में मनाया जाता है। इस दिन आंगन में गोबर से गोवर्धन पर्वत की आकृति बनाई जाती है उसके आस-पास दीपक लगाए जाते हैं और उस आकृति की पूजा की जाती है। भगवान कृष्ण को 56 भोग लगाया जाता है तथा उनकी पूजा आराधना की जाती है। तथा अन्नकूट किया जाता है।
कब है गोवर्धन पूजा?
2022 में गोवर्धन पूजा 26 अक्टूबर को है क्योकि दिवाली के अगले दिन 25 अक्टूबर को सूर्य ग्रहण की वजह से गोवर्धन पूजा 26 अक्टूबर को मनाया जाना है। गोवर्धन की पूजा का मुहूर्त 25 अक्टूबर को शाम 4 बजकर 18 मिनट पर प्रारम्भ होगा जो दिनांक 26 अक्टूबर को दोपहर 2 बजकर 42 मिनट पर समाप्त होगा। एवं इस दिन पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 6 बजकर 29 मिनट से लेकर सुबह की ही 8 बजकर 43 मिनट तक होगा। इस दिन पूजा पाठ करने से सुख समृद्धि मिलती है तथा कभी भी घर में अनाज और अन्न की कमी नही होती है। भगवान कृष्ण की भी कृपा बनी रहती है और आप हमेशा खुशहाल रहते हैं।
हमारा टेलीग्राम चैनल जॉइन करने के लिए क्लिक करेंगोवर्धन पूजा का महत्व
गोवर्धन पूजा वाले दिन अन्नकूट का खास महत्व है, इस पूजा का आरम्भ भगवान कृष्ण द्वारा किया गया था। माना जाता है कि इस दिन भगवान कृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को अपनी सबसे छोटी ऊँगली पर सात दिन तक उठाकर ब्रज में रह रहे लोगो तथा वहा के पशु पक्षीयोँ को इंद्र देव के प्रकोप से बचाया था। इस दिन भारी बारिश के कारण ब्रज में हाहाकार मच गया था लोगो के घर आदि पानी में बह रहे थे इस संकट से बचाने के लिए ही भगवान कृष्ण में गोवर्धन पर्वत को उठाया था।
गोवर्धन पूजा विधि
इस दिन गोबर आदि से गोवर्धन पर्वत की आकृति का निर्माण करें, गाय तथा उनके बछड़ों को अच्छे से स्नान करा कर सजाये, फिर भगवान कृष्ण का श्रृंगार करे, उन्हें दूध से स्नान करवाए, इसके बाद धुप दीप आदि से गोवर्धन की पूजा करे और साथ ही कृष्ण भगवान तथा गौ माता की भी पूजा की जाती है। इसके बाद अन्नकूट का भोग लगाएं।
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