गुस्सा आने के कई कारण हो सकते हैं जैसे निराशा, कष्ट, अकेलापन, धोखा, विपरीत परिस्थितियाँ, हार, पीड़ा, आर्थिक संकट, अपमान, शारीरिक या मानसिक दुर्बला आदि। गुस्सा आना एक साधारण क्रिया है पर यदि किसी को बात बात पर गुस्सा आता है तो यह उसके तथा उसके साथ वालो के स्वास्थ्य के लिए अच्छा नहीं है। लम्बे समय तक गुस्सा करना तथा छोटी-छोटी बात पर गुस्सा करना शरीर के लिए हनिकारक होता है यह दिल, दिमाग पर बुरा असर डालता है। गुस्सा रक्त चाप को बड़ा देता है जो कई तरह की बीमारियों का कारण बन सकता हैं। गुस्से को कम करने के लिय धेर्य की आवश्यकता होती है, गुस्सा आने पर व्यक्ति की सोचने समझने की क्षमता खत्म हो जाती है।
जिसे बात बात पर गुस्सा आये उसे क्या कहते है?
जिसे बात बात पर गुस्सा आता है उसे गुस्सैल कहा जाता है।
गुस्से में व्यक्ति सामने वाले पर हमला कर सकता है, अपशब्दों का प्रयोग कर सकता है तथा खुद को भी हानि पहुचा सकता है। अगर किसी व्यक्ति को अत्यधिक गुस्सा आता है तो उसे प्रतिदिन योग करना चाहिए. संतुलित भोजन करना चाहिए, अपनी भावनाओं पर नियंन्त्रण करने की कोशिश करना चाहिए।
FAQs
मन को शांत रखने परिस्तिथि को स्वीकार करें।
क्रोध के ३ प्रकार है – निष्क्रिय आक्रामकता, खुला आक्रामकता और मुखर क्रोध।
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