उद्यमिता विकास में बैंकों की क्या भूमिका होती है?

उद्यमिता विकास में बैंकों की भूमिका – आर्थिक विकास, बैंकिंग एवं वित्त

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By Shubham Jadhav

किसी भी व्यवसाय की स्थापना करने के लिए वित्त उपलब्ध कराने में अनुसूचित बैंको द्वारा महत्वपूर्ण भूमिका निभाई जाती है। उद्यमिता के विकास में बैंकों की अहम भूमिका होती है क्योंकि समुचित बैंकिंग व्यवस्था के अभाव में उद्यमिता का सुचारू रूप में संचालन नहीं हो सकता है। आज हम जानेंगे की उद्यमिता विकास में बैंकों की क्या भूमिका होती है?

उद्यमिता विकास में बैंकों की भूमिका

बैंक वस्तुतः अर्थव्यवस्था के केंद्र बिंदु संचालक और नियंत्रक होते हैं इसलिए उन्हें उद्यमिता विकास का धमनी केंद्र कहा जाता है। इसकी स्पष्टता निम्नलिखित रूप से दर्शाई गई है :-

1. मुद्रा के हस्तांतरण में सहायता

बैंकों के माध्यम से एक स्थान से दूसरे स्थान पर मुद्रा का हस्तान्तरण बहुत ही कम शुल्क पर सुरक्षित रूप से किया जा सकता है। यह सुविधा बैंक ड्रॉफ्ट एवं मनी ट्रांसफर के माध्यम से प्रदान की जाती है।

2. भुगतान में सुविधा

बैंको ने चेक की सुविधा प्रदान करके भुगतान प्रणाली को अत्यंत सरल बना दिया है। इससे नकद मुद्रा का प्रयोग कम होता है और भुगतान का प्रमाण भी बना रहता है।

3. पूँजी की उत्पादकता में वृद्धि

बैंक जनता की बचत राशियों रखकर इस जमा राशि को व्यापार तथा उद्योगों के लिए ऋण के रूप में प्रदान करके पूँजी की उत्पादकता में वृद्धि करता है।

4. पूँजी निर्माण को प्रोत्साहन

बैंक बचतों को निक्षेप के रूप में सुरक्षित रखकर उसे उत्पादक कार्यों में विनियोजित करके पूँजी निर्माण को प्रोत्साहित करते हैं।

5. वित्त प्रबंध

बैंक व्यापारिक एवं औद्योगिक संस्थाओं को ऋण प्रदान करके समुचित वित्त का प्रबंध करते हैं क्योंकि व्यापार तथा उद्योग के संचालन हेतु स्थायी एवं कार्यशील पूँजी अत्यावश्यक होती है।

6. व्यापार तथा उद्योग को सहायता

बैंकों का व्यापार तथा उद्योगों के विकास में महत्वपूर्ण योगदान है। तकनीकी व प्रबंधकीय परामर्श में आवश्यकता उद्योगों को वित्तीय सहायता प्रदान करते हैं।

7. विदेशी व्यापार को प्रोत्साहन

विदेशी व्यापार को प्रोत्साहित करने के लिए बैंक व्यापारियों के बिलों और हुण्डियों को भुनाकर विदेशी व्यापार के लिए वित्त प्रबन्ध करते हैं।

8. उद्यमिता विकास

उद्यमिता के विकास के लिए केन्द्र तथा राज्य सरकार जो भी योजनाएँ चला रही हैं, उनके अन्तर्गत उद्यमियों को ऋण प्रदान करने का कार्य बैंकों द्वारा ही सम्पन्न किया जाता है तथा इस प्रकार उद्यमिता विकास में बैंकों द्वारा महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन किया जाता है।

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