कर्ण अपनी वीरता तथा दान करने की आदत के कारण प्रसिद्ध है। कहा जाता है कि यह महाभारत के उन पात्रो मेसे हैं जो काफी बलशाली थे। कर्ण दुर्योधन की तरफ से युद्ध कर रहे थे पर उनके वास्तविक भाई पांडव थे जिसके पीछे एक कहानी भी है। कर्ण की असली माँ कुंती थी पर कर्ण बचपन से दुर्योधन के साथ थे इसके लिए उनकी तरफ से युद्ध लड़ा और कुंती को वचन दिया की वह अर्जुन के अलावा किसी को हानि नहीं पहुचाएंगे। क्या आप जानते हैं कि इस वीर कर्ण के कितने पुत्र थे? यदि नहीं तो इस लेख की मदद ले सकते हैं।
कर्ण के कितने पुत्र थे?
कर्ण के दो विवाह हुए थे उनकी पत्नियों के नाम रुषाली व सुप्रिया था। रुषाली और सुप्रिया से कर्ण को नौ पुत्र हुए जिनके नाम वृशसेन, वृशकेतु, चित्रसेन, सत्यसेन, सुशेन, शत्रुंजय, द्विपात, प्रसेन और बनसेन थे।
कर्ण महाभारत का एक मात्र ऐसा पात्र था जो पुरे जीवन संघर्ष करता रहा, तथा कर्ण को कभी भी वह प्राप्त नहीं हुआ जिसका अधिकार वह रखता था। कृष्ण सहित कई लोगों ने यह स्वीकार किया की कर्ण एक पुण्यात्मा थे जो आगे भी लोगों को हमेशा प्रयत्न करने की प्रेरणा देंगे।
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