भारत में कई त्यौहार मनाए जाते हैं जैसे दिवाली, होली, ईद आदि उन्ही मेसे एक है लोहड़ी, यह भी बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है, इस त्यौहार को खास कर उत्तर भारत के पंजाब, डोगरा, हरियाणवी और हिमाचलियों द्वारा पंजाब, जम्मू, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश में मनाया जाता है। आगे आप जानेंगे कि लोहड़ी क्यों मनाई जाती है?
कब मनाई जाती है लोहड़ी
हर साल मकर संक्रान्ति के एक दिन पहले लोहड़ी मनाई जाती है, यह लगभग 12 या 13 जनवरी को मनाई जाती है। और रात के समय सभी मिल कर इस त्यौहार को बड़ी धूम धाम से मानते है। तथा 20 दिन पहले से ही इसकी तैयार करने लगते हैं तथा लोकगीत गाया जाता है और लकड़ी और उपले इकट्ठे करते हैं जिसे लोहड़ी के दिन जलाया जाता है। सभी परिवार और समाज के लोग मिल के इस त्यौहार को बड़ी धूम धाम से मनाते हैं। हर कोई ख़ुशी और उत्साह के साथ अपनों को बधाई देता है रेवड़ी बटता है।
कैसे मनाते हैं लोहड़ी
लोहड़ी रात्रि का त्यौहार है, रात के समय किसी खुले स्थान पर आग लगाई जाती है तथा उसके आस पास खड़े हो कर लोकगीत गाये जाते हैं परिक्रमा करते है तथा रेवड़ी बाटी जाती है, आज के समय में dj ढोल आदि का उपयोग कर गाने बजा कर और पंजाबी नृत्य के साथ इस त्यौहार बड़े हर्षौल्लास से मनाया जाता है।
लोहड़ी क्यों मनाई जाती है?
माना जाता है कि इस दिन ऋतू परिवर्तन होता है तथा फसल आने वाली होती है और अच्छी फसल की कामना की जाती है तथा जिन परिवारों में लड़के का विवाह होता है अथवा जिन्हें पुत्र प्राप्ति होती है उन्हें बधाई दी जाती है प्रशाद बाटी जाती है।
FAQs
लोहड़ी पर रेवड़ियां दान करना चाहिए।
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