मैं को संस्कृत में क्या कहते हैं

मैं को संस्कृत में क्या कहते हैं?

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By Shubham Jadhav

संस्कृत भाषा बहुत ही पुराणी भाषा है, हिन्दू धर्म में मौजूद ग्रन्थ, वेद, श्लोक आदि संस्कृत में ही लिखे गये है। ऐसा कहा जाता है कि आधुनिक भाषाए जैसे हिंदी, पंजाबी, मराठी, सिन्धी आदि संस्कृत से ही उत्पन्न हुई है। इस वैदिक भाषा भी कहते है क्योकि सारे वेद इसी भाषा में लिखे गये है। समय के साथ संस्कृत भाषा अपनी पहचान खोती जा रही है और लोग आधुनिक भाषाओ पर आश्रित हो गये है। संस्कृत विषय का अध्ययन बहुत ही कम विद्यालयो में कराया जा रहा है। पुराने समय की पूरी शिक्षा प्रणाली संस्कृत पर ही आश्रित थी, आज से हजारो वर्ष पूर्ण इसके प्रमाण मिलते है। आज के इस लेख में हम जानेंगे कि मैं को संस्कृत में क्या कहते हैं?

मैं को संस्कृत में क्या कहते हैं?

मैं को संस्कृत में अहम् (अहं) कहा जाता है।

उदाहरण

  • मैं जाता हूँ – अहम् गच्छामि ।
  • मैं बोलता हूँ – अहम् वदामि।
  • मैं खाता हूँ – अहम् खादामि। 

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