नर्मदा नदी मध्यप्रदेश के कितने जिलों से होकर गुजरती है

नर्मदा नदी मध्यप्रदेश के कितने जिलों से होकर गुजरती है?

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By Shubham Jadhav

नर्मदा दो राज्यों में बहने वाली नदी है मध्यप्रदेश और गुजरात। इसकी लम्बाई लगभग 1312 किलोमीटर है। नर्मदा नदी उद्गम स्थल मैकल पर्वत के अमरकण्टक शिखर है तथा यह नदी खम्बात की खाड़ी में जा कर गिरती है। यह नदी भारत की पाचवी सबसे बड़ी नदी है। नर्मदा नदी का एक नाम रेवा नदी भी है। इस नदी के तट पर कई घाट और मंदिर बने हुए है तथा इस नदी से कई धार्मिक घटने जुडी हुई है। रामायण तथा महाभारत और परवर्ती ग्रंथों में नर्मदा नदी के विषय में अनेक उल्लेख मिल जाते है। एक ऋषि महात्मा ने इस नदी को नर्मदा कहकर पुकारा था. क्योकि यह नर्म प्रतीत होती है अथवा आनन्द प्रदान करती है। मध्यप्रदेश की जीवनदायनी नदी नर्मदा नदी को कहते है। नर्मदा नदी लोगो को अपना कार्य करने के लिए जल प्रदान करती है तथा खेती के क्षेत्र एक बहुत बड़े भूभाग को सींचती है इसलिए इसे मध्यप्रदेश की जीवन रेखा कहा जाता है। आगे इस लेख में हम जानेंगे की नर्मदा नदी मध्यप्रदेश के कितने जिलों से होकर गुजरती है?

नर्मदा नदी मध्यप्रदेश के कितने जिलों से होकर गुजरती है?

नर्मदा नदी मध्यप्रदेश के 16 जिलों से होकर गुजरती है जो अनूपपुर के अमरकंटक से लेकर आलीराजपुर के सोंडवा तक है नर्मदा अपने इस सफर में 1077 किमी तय करती है।

1.नर्मदा नदी मध्य भारत की बहने वाली नदी है।

2. नर्मदा नदी भारत की पाँचवी सबसे बड़ी नदी है।

3. नर्मदा नदी को रेवा नदी भी कहते है।

4.  नर्मदा, मध्य भारत के मध्य प्रदेश और गुजरात राज्य में बहने वाली एक प्रमुख नदी है।

5. नर्मदा नदी 1312 किलोमीटर लम्बी नदी है ।

6. पवित्र नदी नर्मदा के तट पर अनेक तीर्थ हैं।

7. नर्मदा अपने उद्गम स्थल अमरकंटक से निकलकर लगभग 8 किलोमीटर दूरी पर दुग्धधारा जलप्रपात तथा 10 किलोमीटर पर दूरी पर कपिलधारा जलप्रपात बनाती हैं।

8. पुराणों में बताया गया है कि नर्मदा नदी के दर्शन मात्र से समस्त पापों का नाश होता है ।

9. कालिदास के ‘मेघदूतम्’ में नर्मदा को रेवा का संबोधन मिला है ।

10. नर्मदा नदी के किनारे बसे नगर ओंकारेश्वर, जबलपुर, रायगढ़ हैं।

जो आज का भारत है उसे यह स्वरूप पाने में सदियों की तपस्या लगी हैं. आज जहाँ हिमगिरी है वहां कभी टेथिस सागर हुआ करता था, एक भूकम्प के झटके ने उसे हिमालय में बदल दिया. उसी भांति जहाँ आज मेरा मार्ग है वह अरब सागर का एक भाग था उस समय के दरियाई घोड़ा दरियाई भैंसा, राइनोसरस तथा मानव के अस्थि पंजर भी मेरे तट पर हुई खोज में पाए गये हैं।

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