यह जानकारी देने से पूर्व हम आपको बताएंगे की संधि क्या होता है? जब दो शब्द मिलते हैं तो पहले शब्द की अंतिम ध्वनि और दूसरे शब्द की पहली ध्वनि आपस में मिलकर जो परिवर्तन लाते हैं उसे संधि कहते हैं। अगर इसे दूसरे शब्द में बताया जाए तो जब दो शब्द आपस में मिलकर कोई तीसरा शब्द बनाते हैं तब जो परिवर्तन होता है उसे संधि कहते हैं। अब हम जानेंगे कि पतंजलि में कौनसी संधि है?
पतंजलि में कौनसी संधि है?
‘पतंजलि’ शब्द में स्वर संधि का प्रयोग किया गया है। ‘पतंजलि’ का अर्थ प्रसिद्ध योग दार्शनिक, योग सूत्र के लेखक होता है। ‘पतंजलि’ का संधि विच्छेद ‘पतत् + अंजलि’ होता है। जैसा की हमने देखा की ‘पतंजलि’ में स्वर संधि का प्रयोग किया गया है। दो स्वरों के मेल से होने वाले विकार या परिवर्तन को स्वर संधि कहते हैं। इसके उदाहरण में सूर्य + अस्त = सूर्यास्त, महा + आत्मा = महात्मा आदि आता है।
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