रिश्तेदार का बच्चा गोद लेने के नियम

रिश्तेदार का बच्चा गोद लेने के नियम

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By Shubham Jadhav

कई बार एक दम्पति बच्च्चा गोद लेने का विचार करता है, इसके कई कारण हो सकते हैं जैसे बच्चा न होना, या किसी बच्चे को एक नया जीवन देने की इच्छा होना आदि। बच्चा गोद लेने के लिए कई सरकारी नियमो का पालन करना पड़ता हैं, जो व्यक्ति या दम्पत्ति बच्चा गोद लेना चाहता है वह या तो अनाथालय से बच्चा गीध लेगा या फिर किसी ऐसे परिवार या रिश्तेदार से जो किन्ही कारणों से बच्चा किसी को देने के लिए तैयार होगा। इन दोनों परिस्थितियों में अलग-अलग नियमो का पालन होता है तो आज हम रिश्तेदार का बच्चा गोद लेने के नियम जानेंगे।

रिश्तेदार का बच्चा गोद लेने के नियम

रिश्तेदार का बच्चा गोद लेने के मुख्य नियम कुछ इस तरह है –

  1. बच्चे के बायोलॉजिकल (असल) माता-पिता की सहमति होना चाहिए पर यदि किन्ही कारणों से वह सहमती देने में असमर्थ है तो बच्चे के पालक की सहमती की जरूरत होती है। 
  2. जो भी कपल या व्यक्ति बच्चा गोद ले रहा है वह बच्चा पालने ने सक्षम होना चाहिए।
  3. जो दम्पत्ति बच्चा गोद ले रहे है उन दोनों की सहमती होना चाहिए।
  4. गोद एने वाले मानसिक और शारीरिक रूप से ठीक होना चाहिए।

Child Adoption Resource Information and Guidance System – CARINGS के तहत गोद लेने वाला माता पिता का रजिस्ट्रेशन होगा। जहा दस्तावेज अपलोड किये जाएँगे।

इसके बाद यदि बच्चे के असल माता पिता सक्षम है तो उनकी सहमती या फिर पालक की सहमती की सुचना कल्याण समिति को देना होगी।

यदि बच्चे के माता पिता नहीं है या सहमती नहीं दे सकते हैं (मानसिक रूप से असक्षम हो) तो अनुसूची XIX या अनुसूची XXII के जरिये आगे की जानकारी से दर्ज की जाएगी।

यदि बच्चा 5 साल से बड़ा है तो नियम 51 सब सेक्शन 3 के तहत बच्चे की सहमती की भी जरूरत होगी।

फैमिली,डिस्ट्रिक्ट या शहर के सिविल कोर्ट में किशोर न्याय देखभाल और संरक्षण अधिनियम 2015 के सेक्शन 56(2) के तहत आवेदन कर सकते है।

सभी शर्तें पूर्ण होने पर प्रमाणित कॉपी गोद लेने वाले माता-पिता को दे दी जाएगी। जो बाल संरक्षण इकाई के पास जमा होगी जो आगे इसे प्राधिकरण को ऑनलाइन जमा करेंगे।

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