आज आप जानेंगे कि समुदाय का अर्थ एवं परिभाषा क्या है?
समुदाय का अर्थ एवं परिभाषा
समुदाय का सामान्य सा अर्थ है मिल कर रहने की भावना रखने वाला एक समूह जिसके आपस में सेवा और सहयोग करने और अपने अधिकारों का प्रयोग करने की भावना पाई जाती है। इस समूह है आपस में लगाव होता है। यह समूह एक क्षेत्र में भी निवास कर सकते हैं या समय के साथ दूर दूर भी हो सकते हैं। समुदाय के लोगो की गतिविधिया काफी हद तक समान ही होती है।
कोई व्यक्ति किसी समुदाय का हिस्सा बनकर ही सामान्य जीवन जी सकता है। इसे उस गाँव या कस्बे के उदाहरण में देखा जा सकता है जहाँ हम रहते हैं, जिसे एक समुदाय माना जाता है। व्यक्तियों से युक्त किसी भी संगठन को समुदाय कहा जाता है यह समझ पूरी तरह सही नहीं है। समाजशास्त्र में ‘समुदाय’ शब्द का प्रयोग एक विशिष्ट अर्थ में किया गया । यह केवल व्यक्तियों के समूह को संदर्भित नहीं करता है, बल्कि उन लोगों के समूह को संदर्भित करता है जो एक विशिष्ट क्षेत्र में निवास करते हैं। इसके सदस्य न केवल अपना दैनिक जीवन जीते हैं, बल्कि उनमें सामुदायिक भावना भी होती है।
बोगार्डस के अनुसार, ‘‘समुदाय एक सामाजिक समूह है जिसमें हम भावना की कुछ मात्रा हो तथा एक निश्चित क्षेत्र में रहता हो।’’
मैकाइवर के अनुसार – समुदाय सामाजिक जीवन के उस क्षेत्र को कहते है, जिसे सामाजिक सम्बन्ध अथवा सामंजस्य की कुछ मात्रा द्वारा पहचाना जा सके।’’
आगबर्न एवं निमकॉफ के अनुसार, ‘‘ समुदाय किसी सीमित क्षेत्र के भीतर सामाजिक जीवन का पूर्ण संगठन हैं।
आगबर्न एंव न्यूमेयर के अनुसार, ‘‘समुदाय व्यक्तियों का एक समूह है जो एक सन्निकट भौगोलिक क्षेत्र में रहता हो, जिसकी गतितिधियों एवं हितों के समान केन्द्र हों तथा जो जीवन के प्रमुख कायोर्ं में इकट्ठे मिलकर कार्य करते हों।’’
एच0 मजूमदार के अनुसार, ‘‘समुदाय किसी निश्चित भू-क्षेत्र, क्षेत्र की सीमा कुछ भी हो पर रहने वाले व्यक्तियों के समूह है जो सामान्य जीवन व्यतीत करते हैं’’।
शब्द की उत्पत्ति
हिंदी में ‘समुदाय’ शब्द अंग्रेजी शब्द ‘कम्युनिटी’ से लिया गया है, जो लैटिन शब्द ‘कॉम’ (जिसका अर्थ है ‘एक साथ’) और ‘मुनिस’ (जिसका अर्थ है ‘सेवा करना’) से बना है। इसलिए, ‘समुदाय’ का शाब्दिक अनुवाद ‘एक साथ सेवा करना’ है।
शब्द “समुदाय” विशेष रूप से किसी विशेष क्षेत्र में रहने वाले मनुष्यों के समूह से संबंधित है, जो उनकी सामाजिक-आर्थिक और सांस्कृतिक गतिविधियों पर आधारित है। इसलिए, यह स्पष्ट है कि किसी समुदाय का जिक्र करते समय, हम विशेष रूप से जानवरों और पक्षियों को छोड़कर, केवल मानव व्यक्तियों पर विचार किया जाता है।
समुदाय की विशेषताएं
- समुदाय मानव जाति का हिस्सा बन चुका है, यह कई तरह से आपस में जुड़े ही सकते हैं जैसे आर्थिक रूप से, धार्मिक रूप से या सामाजिक रूप से।
- समुदाय में रहने वाले लोग हमेशा उस स्थान को प्राथमिकता देते हैं जहा उनके धार्मिक तथा सामाजिक विचार आपस में मेल खाते हो।
- समुदाय में एक दुसरे की जिम्मेदारी लेने की भावना होती है जिस कारण पारिवारिक सम्बन्ध उत्पन्न होते हैं और समुदाय मजबूत बनते हैं।
- यह कई प्रकार के नियमो का पालन कर सकते हैं तो इनके द्वारा बनाये गये हो और आपस में न्यायिक भावना के साथ शोषण के विरोधे होते हैं।
- समूह में समानता होती है तथा विकास और कल्याण के साथ रीतिरिवाज और परम्पराओं को दोहराया जाता हैं।
- समुदाय दो तरह के होते हैं नगरीय समुदाय, ग्रामीण समुदाय।
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