क्या है ठठरी का अर्थ ? बागेश्वर धाम के धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री करते हैं उपयोग


Thathri Meaning in Hindi: हमारे देश में कई सारी भाषाएं बोली जाती हैं और उनमें कई ऐसे शब्द हैं जो सुनने में बड़े अटपटे मगर मजेदार लगते हैं। उन्ही में से एक शब्द है ठठरी। जिसका अर्थ तो पता नहीं पर धीरेंद्र शास्त्री जी के मुँह से बड़ा अच्छा लगता है। आज के इस लेख में आप जानेगे कि ठठरी का अर्थ क्या होता है और बागेश्वर धाम वाले बाबा धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री जी भी इस शब्द का कई बार उपयोग कर चुके है।

ठठरी का अर्थ

ठठरी का मतलब होता है – अर्थी ( अरथी )

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अर्थी मतलब शव को श्मशान तक ले जाने के लिए बाँस और लकड़ी से बनायी गई आयताकार संरचना, जिसे अंतशय्या; रत्थी; रक्षी आदि भी कहा जाता है।

ठठरी के और कई अर्थ भी होते हैं जिनका उपयोग कई जगहों पर किया जाता है पर मुख्यतः ठठरी का अर्थ अरथी ही होता है।

ठठरी के अन्य अर्थ

  • किसी मनुष्य या पशु के शरीर की सारी हड्डियों का ढाँचा।
  • छप्पर छाने के लिए बनाया जाने वाला बाँस का ढाँचा।
  • घास-भूसा बाँधने का जाल।

कथावाचक धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री भी करते है उपयोग

बागेश्वर धाम वाले बाबा धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री जी भी इस शब्द का कई बार उपयोग करते हैं उनका कहना है यह कोई अपशब्द नही है यह अटल सत्य है हर किसी की मृत्यु निश्चित है, और वह कई बार वे इस शब्द का उपयोग इसलिए करते हैं क्योकि बुन्देली में कटाक्ष के रूप में “ठठरी के बरे” वाक्य का उपयोग किया जाता है। और कई बार विरोधी के लिए भी ‘तुम्हारी ठठरी हम बांध देंगे’ वाक्य का उपयोग किया जाता आ है।

देखें यह वीडियो –

ठठरी का अर्थ

FAQs

ठठरी के बरे का मतलब क्या होता है?

ठठरी के बरे एक कटाक्ष है जो कि बुंदेली भाषा में उपयोग में लाया जाता है। इसका अर्थ है तेरी अर्थी बंधेगी या हम तेरी अर्थी बांध देंगे। मृत्यु निश्चित है और हर किसी की अर्थी अवश्य ही बंधेगी।

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