आज आप जानेंगे कि तूफान का नाम कैसे रखते हैं? अगर नहीं तो इस लेख को अंत तक जरुर पढ़े।
तूफान का नाम कैसे रखते हैं?
भारत की पहल पर 2004 से चक्रवाती तूफानों को नाम देने की व्यवस्था की शुरवात हुई थी, हिन्द महासागर क्षेत्र में आने वाले देश भारत, पाकिस्तान, श्रीलंका, बांग्लादेश, मालदीव, म्यांमार, ओमान और थाईलैंड इस नामकरण की प्रक्रिया में शामिल है। 2000 में चक्रवातीय तूफानों का नामकरण शुरू किया गया जिसमे मुख्य रूप से विश्व मौसम विज्ञान मौसम संगठन और एशिया और प्रशांत के लिए संयुक्त राष्ट्र आर्थिक और सामाजिक कमीशन भी शामिल थे।
नाम रखने की प्रक्रिया में देशो को उनके नाम के पहले अक्षर के अनुसार यानिकी अंग्रेजी वर्णमाला के अनुसार इन सदस्य देशों का कर्म निश्चित किया गया और अपनी बारी आने पर देश अपनी नाम की सूचि प्रदान करता है जिस मेसे तूफान का नाम रखा जाता है। चक्रवात का नाम रखना इसलिए जरुरी है ताकि उन्हें आसानी से पहचाना जा सके तथा उस तूफान से सम्बन्धित जानकारी जुटाने में समय न लगे और आगे की योजना बनाई जा सके। अभी तक 64 नामों को सूची में जोड़ा चूका है जो इस प्रकार है –
- 2004 अग्नि, हिबारू,प्यार और बाज
- 2005 फानूस, माला और मुक्दा
- 2017 ओखी आदि।
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