गर्मी के बाद जब बारिश का मौसम आता है तो बहुत सुकून मिलता है। बारिश में एक अलग ही बात होती है आसमान में बादल छाए रहते है ठंडी हवाई चलती हे मिट्टी की खुशबू आती है। वातावरण में एक ताजगी सी रहती है। जानवरो को इंसानो को पेड़ पोधो को सभी को बारिश की जरूरत होती है। सही समय पर बारिश का होना बहुत जरुरी हे वरना किसान अपनी फसल नहीं कर पाते है। बारिश के मौसम के आते ही किसान यह सोचने लगता हे की इस साल अच्छी और सही मात्रा में बारिश होनी चाहिए वरना उसकी फसल खराब हो सकती है। बारिश का मोसन जून में प्रारम्भ हो जाता है और सितंबर तक चलता है। बादल एक ऐसा शब्द है जिसका उपयोग फिल्मो के गानो में भी बहुतायत में किया जाता है पुराने समय से ही बादलो को romance का प्रतीक माना जाता है। और आज इस पोस्ट में आप जानेगे की वर्षा से पूर्व बादलों का रंग कैसा होता है ( Varsha Se Purva Badalon Ka Rang Kaisa Hota Hai ) ?
बादल कैसे बनते है ?
प्रकृति इतनी शक्तिशाली है की मानव के अस्तित्व को बना सकती है तो मिटा भी सकती है। प्रकृति को अपनी रक्षा करना स्वयं आता है। प्रकृति इतनी सुचारु रूप से अपने काम करती है। बादलो का बनना भी एक प्राकृतिक कार्य है जो थोड़ा जटिल है। समुद्र में सभी जगह जलवाष्पन हर समय चलता रहता है। जलवाष्प आकाश में उपर की और उठती जाती है जहॉ वह ठंडी होती जाती है। ठंड के कारण संघनन की प्रक्रिया शुरू हो जाती है। फिर जल वाष्प नन्ही नन्ही बूंदो में बदल कर बादल का रूप ले लेता है।
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असल में जब आसमान में बारिश वाले बादल होते है वो हवा के साथ यहाँ वहां घुमते रहते है तो इनमे से विपरीत एनर्जी वाले बादल आपस में तेज गति से टकरा जाते है और और फिर तेज आवाज़ उत्पन होती है। साथ ही इनके टकराने पर जो घर्षण होता है उसी के कारण बिजली उत्त्पन होती है जो हमे दिखाई देती है। कई लोग बादल की आवाज़ सुन कर डॉ जाते है यह भी एक तरह का फोबिआ होता है। बदलो के आपस में टकराने से जो आवज़ा आती है वो कभी कभी इतनी भयंकर होती है कोई भी उससे डर सकता है। रात के समय जब बादल हरजते है तो उसने जो बिजली निकलती है वो इतनी तेज होती है की पुरे शहर में उजाला कर देती है पर केवल कुछ ही सेकंड के लिए।
वर्षा से पूर्व बादलों का रंग कैसा होता है ?
वैसे तो बादलो के 3 4 रंग होते है पर वर्षा से पूर्व बादलों का रंग काला होता है क्योकि वह पानी की बूंदो से बहुत अधिक मात्रा में भरे होते है जिस कारण उनका घनत्व भी बढ़ जाता है। कभी कभी बादल रुई की तरह दिखाई पड़ते है और कभी कभी काले रंग के। बादल सूर्य के कारण कभी पीले भी दिखाई पड़ते है। पूरी तरह से सफेद रंग वाले बादलो में पानी नहीं होता है वे केवल हवा की वजह से आसमान में हवा की दिशा में बढ़ते रहते है।
बादल के पर्यायवाची शब्द
- मेघ
- जलद
- पर्जन्य
- जगजीवन
- अंबुद
- अंबुधर
- अब्र
- अभ्र
- घटा
- घनश्याम
- जीमूत
- तोयद
- तोयधर
- पयोधर
- धर
- घन
- वारिद
- नीरद
- धराधर
- वारिवाह
- पयोदि
- सारंग
- जलचर
- धाराधर
- नीरधर
- पयोद
- बलाधर
- बदली
- बलाहक
- वारिधर
- घनमाला
- मेघमाला
- मेघावली
- कादंबिनी
- जलधर
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