तुकांत शब्द किसे कहते हैं

तुकांत शब्द किसे कहते हैं?

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By Nitesh Harode

आज के इस लेख में हम तुकांत शब्द किसे कहते हैं? (Tukant Shabd Kya Hote Hain) इस बारे में चर्चा करेंगे तथा उनके उदाहरण पर भी ध्यान देंगे। यह विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की दृष्टि से भी काफी महत्वपूर्ण है।

तुकांत शब्द किसे कहते हैं?

तुकांत शब्द उन शब्दों को कहा जाता है जिन दो शब्दों का आखरी शब्द समान होता है। जैसे खाना -पीना, नाचना-गाना आदि। इन शब्दों को तुकांत शब्द कहा जाता है।

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सामान्य भाषा में कहे तो यह शब्द समान तुक वाले होते हैं यानिकी कहने और सुनने एक से लगते हैं पर केवल उच्चारण में ही यह समान होते है इनका अर्थ अलग-अलग होता है। मुख्य रूप से तुकांत शब्द काव्यो को सुंदर बनाने में उपयोग किये जाते हैं, यह किसी भी प्रकार के काव्य के आखिर में प्रयोग होते हैं जिस कारण इनका उपयोग वाक्य, कविता, काव्य आदि को सुंदर बनने में किया जाता है। इन शब्दों का प्रयोग तुकबंदी के लिए कविताओं, नारों और फिल्मो के गानों में भी किया जाता आ रहा है।

तुकांत शब्दों के उदहारण

  • खाना – पीना
  • रोना – धोना
  • नाचना – गाना
  • आओ – जाओ
  • हम – तुम
  • हमको – तुमको
  • बाल – खाल
  • उठो – बैठो
  • आना – जाना
  • उमंग – तरंग

कविता रचना में तुकांत शब्दों का उपयोग

  • प्रगतिशील स्वातन्त्र्य प्रेम की लौ जलती है
    समता के अधिकारों की इच्छा पलती है
    इस समाज ने डाल दिये हैं जो भी बन्धन
    छिन्न भिन्न करने देखो ‘नारी’ चलती है।
  • सारे जहां से अच्छा हिंदुस्तान हमारा
    हम बुलबुले हैं इसकी यह गुलसिता हमारा
    मजहब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना
    हिंदी हैं हम वतन हैं हिंदुस्तान हमारा
  • जंगल के बाहर मनुष्य का वो आ जाना
    नर नारी के मिलन-प्रणय का नियम बनाना
    घर, परिवार, समाज, देश की रचना करके
    कहतीं नर ने बुना स्वार्थ का ताना-बाना

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