जानवरों से इंसान का बहुत ही पुराना नाता है हमेशा से ही इंसान जानवरों का प्रयोग करते आये हैं, जैसे पालतू जानवर के रूप में, खेती के लिए, वाहन के लिए, खाद्य के रूप में, अंडे दूध प्राप्त करने के लिए, मनोरंजन के लिए आदि। और साथ ही इंसानों द्वारा जानवरों के शरीर का भी कई चीजों को बनाने में उपयोग किया जाता आ रहा है। जैसे जानवरों के चमड़े से जूते बेल्ट आदि बनाए जाते हैं, जानवरों से प्राप्त उनके सिंगो तथा हड्डियों से बटन, टूथपेस्ट, मुर्तिया आदि बनाई जाती है। तथा कुछ जानवरों के बालो से वस्त्र तथा ब्रश आदि बनाए जाते हैं। क्या आप जानते है कि कौन-कौन से जानवरों के बालों से हम वस्त्र बनाते हैं? अगर नही तो इस आर्टिकल के माध्यम से आपको इस सवाल का जवाब मिल जाएगा।
जानवरों से प्राप्त ऊन से गर्म कपड़ो का निर्माण होता है जो ठंड में प्रयोग किये जाती है तथा इनका एक विशाल बाज़ार मोजूद है जहा हर रोज ऊन से बनी चीजे खरीदी तथा बेचीं जाती है, कपड़ो के आलावा भी ऊन से कई चीज़े बनाई जाती है जैसे कंबल, कालीन, असबाब, इन्सुलेशन आदि। दुनिया में लगभग हर साल ३ करोड़ क्विंटल ऊन पैदा होता है। मृत जानवरों के शरीर से हमे बहुत सी चीज़े मिल सकती है जो बहुत उपयोगी है और साथ ही जीवित पशु हमे ऊन, दूध अंडे आदि उपयोगी वस्तुए प्रदान करता है।
ज्ञानग्रंथ का WhatsApp Channel ज्वाइन करिये!कौन-कौन से जानवरों के बालों से हम वस्त्र बनाते हैं?
- भेड़
- बकरी
- याक
- ऊँट
- लामा
- खरगोश
भेड़
ऊन प्राप्त करने के लिए सबसे ज्यादा भेड़ का प्रयोग किया जाता है, प्राचीन समय से ही इंसान भेड़ पालते आये हैं। ऊन के लिए भेड़ो को पाल कर ऊन का व्यापार किया जाता है। भेड़ों की अनेक प्रजातीय पाई जाती है जो अलग अलग प्रकार का ऊन देती है यह ऊन की गुणवत्ता पर निर्भर करता है कि ऊन का क्या प्रयोग किया जा सकता है।
बकरी
कश्मीरी बकरी, चेंगु बकरी ऊन के लिए बकरियों की प्रमुख नस्ले है इन बकरियों से उच्च गुणवता का ऊन मिलता है। बकरी मुख्य रूप से आहार में चारा, पेड़, अंगूर, सूखी घास और अनाज खाना पसंद करती है। बकरी पालन भी आदि काल से ही किया जाता आ रहा है इन्हें खास कर दूध तथा मांस ले लिए पाला जाता है। इनका पालन आसान होता है जिस कारण उन्हें अधिकतर लोग व्यापार के लिए पालते हैं।
याक
याक की भी कई प्रजातियाँ होती है जिनसे आसानी से ऊन प्राप्त किया जा सकता है। याक का रंग भूरा तथा काला होता है, याक को तिब्बत का बैल, चमरी, चँवरी, सुरागाय भी कहते हैं। यह बेल के आकर का जानवर है जो शाकाहारी होता है। यह गाय की तरह होता है क्योकि यह गाय बेल की प्रजाति का ही एक जानवर है जिससे ऊन आदि प्राप्त किये जाते हैं। यह पहाड़ो पर आसानी से रह लेते हैं तथा बर्फीले इलाको में इन्हें वाहन के रूप में भी प्रयोग किया जाता है।
ऊँट
ऊँट एक ऐसा जानवर है जो रेगिस्तान में पाया जाता है तथा इन्ही क्षेत्रो में इसका पालन किया जाता है। इनके शरीर पर उगने वाले बालो से कपड़ो का निर्माण किया जाता है तथा ऊंट को रेगिस्तान में वाहन के रूप में उपयोग किया जाता है। यह रेत पर आसानी से चल सकता है तथा उसकी आँखे रेत आदि से बची रहती है। ऊँट के दूध बहुत में पोषक तत्व होते हैं जिस कारण इसके दूध का व्यापार भी किया जाता है।
लामा
लामा दक्षिणी अमेरिका के एण्डीज पर्वतों के वनों में पाया जाने वाला जानवर है। इससे अच्छी गुणवता वाला ऊन मिलता है यह भी एक पालतू पशु है जो ऊँट की तरह ही होता है इसकी खाल से जूते, पर्स आदि का निर्माण भी होता है।
खरगोश
दुनिया में खरगोश की सेकड़ो नस्ले मोजुद है, खरगोश का आकार छोटा है इसलिए इसे आसानी से पाला जा सकता है। खरगोश बिलों में रहते है ये जमीन में सुरंग बना कर रहना पसंद करते हैं। खरगोश हमेशा से ही खाने के लिए उपयोग किया जा रहा है और साथ ही इसके बालो से कई प्रकार के कपड़ो का निर्माण भी होता है यह अच्छी गुणवत्ता का ऊन प्रदान करते हैं।
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