“वीटो” शब्द लेटिन भाषा से लिया गया है जिसका अर्थ ”निषेध करना” होता है। अगर किसी प्रस्ताव के पक्ष में वीटो पॉवर पाए हुए सभी देश एकमत हों पर कोई एक देश प्रस्ताव के पक्ष में नहीं है तो वह देश अपनी पॉवर का इस्तेमाल करके उस प्रस्ताव को पास होने से मना कर सकता है। कोई एक देश भी विरोध करते हुए उस प्रस्ताव के विरोध में वोट करता है तो ये वीटो कहलाता है। क्या आप यह जानने के लिए उत्सुक है कि वीटो पावर किसके पास है? तो आइये हम आपको बताते हैं।
वीटो पावर किसके पास है?
रूस संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य होने के साथ साथ वर्तमान अध्यक्ष भी है, इसी कारण रूस के पास वीटो पावर है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में पांच स्थायी सदस्य हैं जिन्हे वीटो पावर मिली हुई हैं ये देश अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, चीन और रूस है। इतिहास उठा कर देखा जाये तो कई बार ऐसा हुआ है जब भारत के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र में प्रस्ताव आये और रूस के साथ भारत के अच्छे सम्बन्ध होने के कारण रूस में भारत का साथ देने के लिए अपनी वीटो पावर का प्रयोग कर उन प्रस्तावों को निरस्त किया है।
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