धरती पर पक्षियों की बहुत सी नस्ले पाई जाती हैं, जिनमे बहुत सी खुबसुरत नस्ले शामिल है जो लोगों को काफी पसंद आती है। आम तोर पर लोगो को कुछ पक्षियों को पालना बहुत पसंद है, जिसमे तोता सबसे ज्यादा पाला जाता है। बहुत सी जगहों पर बाज़, गिद्द आदि पक्षी भी पाले जाते है। पक्षियों को पालने की प्रथा काफी पुरानी है, लोग आदि काल से ही पक्षियों को पालते आये हैं और उनका दाना पानी करते आये हैं। हमें हमारे आस-पास रहने वाले पक्षियों के नाम हिंदी और English में तो पता होते हैं पर Pakshiyon ke naam sanskrit mein- पक्षियों के नाम संस्कृत में क्या है? यह बहुत ही कम लोग जानते हैं। तो आइये जानते हैं, कि हमारे आस-पास रहने वाले पक्षियों के नाम संस्कृत में पक्षियों के नाम संस्कृत में क्या है?
Pakshiyon Ke Naam Sanskrit Mein | पक्षियों के नाम संस्कृत में
- तोता – शुकः, कीरः
- पतंगा – शलभः
- राज हंस – राजः हंसः
- फाख्ता – कपोतः
- राम चिरैया – मीनरंक
- हंसी – वरटा
- हुदहुद – पुत्रप्रिय
- बतख – वर्तिका, वर्तकः, कादम्बः
- पक्षी – खगः
- चमगादड़ – जतुका
- तीतर, चकोर – तित्तिरि, चकोर
- भौरा – भ्रमरः
- मधुमक्खी – सरघा
- मुर्गा – कुक्कुटः
- सारस – सारसः
- जलमुर्गी – जलकुक्कुटीकोयल – कोकिलः, पिकः
- कौवा – काकः
- चील – श्येनः
- बगुला – वकः
- मोर – मयूरः
- मुर्गी – कुक्कुटी
- गौरेया (चिड़िया) – चटकः
- खञ्जन – खञ्जनः
- क्रौंच – क्रौंचः
- बया – बया
- कबूतर – कपोतः
- बाज़ – श्येनः
- खंजन – खंजनः
- मैना – सरिकाः
- शुतरमुर्ग – ऊष्ट्रपक्षी
- गरुण – गरुडः
- बटेर – वर्तकः
- कठफोडवा – शतच्छद, दार्वाघाटः
- नीलकंठ – नीलकण्ठः‚ चाषः
- बुलबुल – कलापी
- टिटिहिरी – टिट्टिभिः
- पपीहा, कपक – उपकः, श्येनः
- हंस – हंसः, मरालः
- गीद्ध – गृधः
- उल्लु – उलूकः
- चकता, चकवा – भारद्वाजकी, चक्रवाक
- दर्विदा, खजाक – चमचा, दाबिल
- मक्खी – मधुपः
- सारिका – कलहप्रिया
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